अब मीडिया से बात ही नहीं करेंगे, जो हम नही बोलते हैं वह चला देता है: नीतीश कुमार
दो दिन पहले की बात है, राष्ट्रपति की मौजूदगी में भरी सभा में नीतीश कुमार ने कहा था कि- जब तक हम जीवित रहेंगे, भाजपा के नेताओं के साथ भी मेरा संबंध रहेगा. अब अपने ही भाषण पर सफाई देते देते परेशान हैं. हालांकि नीतीश कुमार के भाषण पर उनकी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह, मंत्री विजय चौधरी बारी-बारी से सफाई दे चुके हैं. अब आज नीतीश कुमार ने कहा-हम मीडिया से बात ही नहीं करेंगे. जो हम नहीं बोलते हैं, वह छाप देता है.
परेशानी में नीतीश
बता दें कि दो दिन पहले मोतिहारी में सेंट्रल यूनिवर्सिटी का दीक्षांत समारोह हो रहा था. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु की मौजूदगी में नीतीश कुमार ने कहा था कि 2009 में केंद्र की तत्कालीन मनमोहन सिंह सरकार ने मोतिहारी में सेंट्रल यूनिवर्सिटी खोलने की मेरी मांग नहीं मानी थी 2014 में जब नरेंद्र मोदी की सरकार बनी तो मोतिहारी में सेंट्रल यूनिवर्सिटी खोला गया.
नीतीश ने कार्यक्रम में बैठे भाजपा नेताओं से कहा था कि जब तक जिंदा रहेंगे तब तक उनसे संबंध रहेगा. नीतीश कुमार के इस भाषण के बाद सियासत शुरू हो गयी थी. राजद ने तो यहां तक कह दिया था कि नीतीश को वह दिन याद नहीं है जब वे प्रधानमंत्री के सामने हाथ जोड़ कर बिलबिला रहे थे.
ऐसे वाकयों से परेशान नीतीश कुमार ने आज अपनी भड़ास मीडिया पर निकाली. नीतीश कुमार ने कहा कि मीडिया उनकी बात छाप ही नहीं रहा है. वह तो भाजपा की बात छापता है. इसलिए उनके बयान को तोड़ मरोड़ कर चलाया गया. नीतीश ने कहा-मैंने जो भाषण दिया था, वह अधिकारियों से जाकर पूछ लीजिये. मैंने ऐसी कोई बात बोली थी, जो आप लोगों ने चलायी.
मीडिया से बात नहीं करेंगे
नीतीश कुमार ने कहा कि आज तो वे मीडिया से बात कर ले रहे हैं लेकिन आगे से मीडिया से बात ही नहीं करेंगे. सब गलत चला रहा है. हम तो मोतिहारी में कह रहे थे कि यहां जो सेंट्रल यूनिवर्सिटी खुला है, वह राज्य सरकार की देन है. लोगों को इसे भूलना नहीं चाहिये. मैंने कहां भाजपा की कोई बात की थी. मीडिया मेरी बात चला ही नहीं रहा है. पहले तो कुछ चला देता था अब चलाता ही नहीं है.
क्यों बेचैन हैं नीतीश?
मोतिहारी के कार्यक्रम में नीतीश कुमार ने जो कहा था वह रिकार्डेड है. लेकिन अब वे अपनी ही बात को झुठला रहे हैं. नीतीश कुमार ने गुरूवार को मोतिहारी में जब ये भाषण दिया था तो सियासी खलबली मच गयी थी. उसी दिन नीतीश कुमार के खास मंत्री विजय चौधरी ने मीडिया में आकर सफाई दी. अगले दिन जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने सफाई दी. अब नीतीश कुमार कह रहे हैं कि वे मीडिया से बात ही नहीं करेंगे.
सूत्रों की मानें तो नीतीश कुमार को कुर्सी जाने का डर सता रहा है. नीतीश के भाषण को राजद ने बहुत गंभीरता से लिया है. राजद की ओर से नीतीश को चेतावनी भी मिली है. विधानसभा में विधायकों की जो संख्या है उसमें राजद को अपनी पुरानी सहयोगी पार्टियां कांग्रेस और वाम दलों के साथ सरकार बना और चला लेने में बहुत परेशानी नहीं है. अहम बात ये भी है कि विधानसभा अध्यक्ष राजद के हैं. ऐसे में राजद को विधानसभा में कोई परेशानी नहीं होने वाली है.
राजद की नाराजगी से नीतीश कुमार को सत्ता जाने का डर सता रहा है. तभी पूरी जेडीयू सफाई देने में लगी है. हद देखिये, राजद के एक अदना प्रवक्ता ने यहां तक कह दिया कि नीतीश कुमार हाथ जोड़ कर बिलबिला रहे थे, लेकिन जेडीयू के किसी नेता की जुबान से एक शब्द नहीं निकला. संकेत साफ है-खतरा कुर्सी पर है, इसलिए नीतीश बेचैन हैं.
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