दुर्गापूजा व दीपावली के लिए अब भागलपुर में महिलाएं बना रहीं बंदनवार; 100 से लेकर 3500 रुपये तक का रेंज

bandanwar

फेस्टिव सीजन में शहर की महिलाएं बंदनवार बना रही हैं। बंदनवार (तोरण) की बिक्री दुर्गापूजा व दीपावली में अधिक होती है। इसकी मांग फ्लैटों व घरों में अधिक रहती है। लोग सुख-समृद्धि के लिए घर के मुख्य गेट पर तोरणद्वार लगाते हैं। भागलपुर के बाजार में बंदनवार की बिक्री सालोंभर होती है। अब यहां की महिलाएं इसे कारोबार का रूप दे रही हैं। खाटू श्याम मंदिर, मंदरोजा के पास रहने वाली अर्चना कनोडिया ने बताया कि दुर्गापूजा व दीपावली आते ही बंदनवार की मांग बढ़ गयी है।

गया, मुजफ्फरपुर, बेंगलुरु, इलाहाबाद आदि जगहों से मांग आयी है। इन जगहों पर इसे बनाकर जल्द भेजा जायेगा। इसे जड़ी वर्क के कपड़े, फैंसी लेंस, फूल-पत्ती, भगवान के चिह्न, तस्वीर, गोटा, नेट, केला के आर्टिफिशल पत्ते आदि का प्रयोग कर तैयार किया जाता है। बंदनवार बनाने में एक दिन का समय लग जाता है।

उन्होंने बताया कि बंदनवार के अलावा लड्डू गोपाल के सिंहासन, वस्त्रत्त्, तकिया के साथ चंदन स्टीक का ऑर्डर मिला है। यहां फैंसी बंदनवार 600 रुपये से लेकर तीन हजार रुपये तक में उपलब्ध है। कोतवाली चौक के पास रहने वाली इस कारोबार से जुड़ी विमला देवी ने बताया कि पहले के जमाने में लोग गेट के पास पान व आम पत्ता का उपयोग करते थे। हाल के समय में घरों के मुख्य गेट पर बंदनवार लगाने की चलन बढ़ी है। लोग सुख-समृद्धि के लिए इसे लगाते हैं। कुछ का मानना है कि इसे मुख्य द्वार या किसी भी प्रवेश द्वार पर लगाने से माता लक्ष्मी का घर में आगमन होता है। इस कारण इसकी बिक्री बढ़ रही है।

दिल्ली-कोलकाता से आता है बंदनवार

बाजार में दिल्ली और कोलकाता से बंदनवार आता है। वेरायटी चौक के पास दुकानदार कैलाश मावंडिया ने बताया कि बंदनवार की बिक्री शहर में काफी है। यह सालभर बिकता है पर दुर्गापूजा व दीपावली में इसकी बिक्री काफी बढ़ जाती है। बाजार में यह सौ रुपये से लेकर 35 सौ रुपये तक में उपलब्ध है।

Rajkumar Raju: 5 years of news editing experience in VOB.
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