उत्तर प्रदेश की योगी सरकार शराब नीति में अहम बदलाव करने जा रही है. शराब नीति पर कई बदलावों को कैबिनेट से मंजूरी भी मिल गई है. इसके बाद अब शराब की आम दुकानों को भी मॉडल शॉप में बदला जा सकेगा. साथ ही अब साल में दो दिन शराब की दुकानें एक घंटे ज्यादा खुली रहेंगी. ये शराब नीति 1 अप्रैल 2024 से 31 मार्च 2025 तक के लिए रहेगी.
हालांकि, इसके कुछ नियम अभी से लागू हो जाएंगे. नई एक्साइज पॉलिसी में रेलवे और मेट्रो स्टेशन के बाहर भी शराब बेचने का प्रावधान किया गया है. इस पर पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने निशाना साधा है. अखिलेश ने कहा कि बीजेपी का मानना है कि शराब पीना अच्छा है. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा है तो फिर ऑफिस में शराब को बेचने की अनुमति दे दी जानी चाहिए. बहरहाल, इस नई एक्साइज पॉलिसी के लागू होने के बाद क्या-कुछ बदल जाएगा? जानते हैं…
महंगी हो जाएगी शराब!
योगी सरकार ने नई एक्साइज पॉलिसी में लाइसेंस फीस बढ़ाने का प्रावधान किया है. इसके तहत, अंग्रेजी शराब, बीयर, भांग और मॉडल शॉप की सालाना लाइसेंस फीस 10 फीसदी बढ़ा दी है. साथ ही देसी शराब की लाइसेंस फीस बढ़ाकर 254 रुपये प्रति लीटर और ड्यूटी 32 रुपये प्रति बल्क लीटर तय कर दी है.
दुकान के बाहर खड़े होकर पी सकेंगे बीयर
नई शराब नीति में एक बड़ा बदलाव बीयर को लेकर भी किया गया है. अब बीयर की दुकानों को मॉडल शॉप में बदला जा सकेगा. नई नीति के तहत, अगर शराब दुकान के बगल में कम से कम 100 वर्गफीट की जगह खाली है, तो वहां लोग बीयर पी सकेंगे. हालांकि, ये फ्री में नहीं होगा. इसके लिए लाइसेंसधारक को कुछ रकम भी चुकानी होगी.
दो दिन एक घंटा ज्यादा खुलेंगी दुकानें
नई शराब नीति में साल के दो दिन शराब की दुकानें एक घंटे ज्यादा खुल सकेंगी. नई नीति के तहत, क्रिसमस की रात यानी 24 दिसंबर और नए साल की रात यानी 31 दिसंबर को शराब की दुकानें रात के 11 बजे तक खुल सकेंगी.
हालांकि, बाकी दिनों में शराब की दुकानें रात 10 बजे तक ही खुली रहेंगी. इसके अलावा शादी समारोह, इवेंट या किसी कार्यक्रम में रात 12 बजे तक शराब परोसने की अनुमति होगी. मेट्रो-रेलवे स्टेशन पर भी मिलेगी शराब शराब की बिक्री को लेकर एक और बड़ा फैसला लिया गया है. एक अप्रैल से शराब की बिक्री मेट्रो स्टेशन, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट और क्रूज शिप पर भी हो सकेगी.
इससे सरकार को क्या उम्मीद?
सरकारी खजाने को भरने में शराब की बिक्री से मिलने वाला रेवेन्यू का बड़ा हिस्सा होता है. आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक, 2022-23 में यूपी सरकार को एक्साइज ड्यूटी से 42,250 करोड़ रुपये का रेवेन्यू मिला था. जब से योगी सरकार आई है, तब से शराब की बिक्री से मिलने वाला रेवेन्यू तीन गुना बढ़ गया है.
योगी सरकार के सत्ता में आने के समय 2017-18 में शराब की बिक्री से सरकार को करीब 14 हजार करोड़ रुपये का रेवेन्यू मिला था. इस साल सरकार को शराब की बिक्री से मिलने वाले एक्साइज रेवेन्यू और बढ़ने की उम्मीद है. सरकार को 2023-24 में एक्साइज ड्यूटी से 58 हजार करोड़ रुपये का रेवेन्यू मिलने की उम्मीद है.