नीट यूजी रिजल्ट मामले पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई है। इसमें नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के DG सुबोध कुमार सिंह ने कहा कि NTA एक ट्रांसपेरेंट ऑर्गनाइजेशन है और हम सभी चैलेंज को एड्रेस करते हैं।
नीट यूजी रिजल्ट मामले पर शिक्षा मंत्रालय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की है। इसमें नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के DG सुबोध कुमार सिंह ने कहा, “हमने 4700 सेंटर पर ये एग्जाम करवाया था। हमने 4 जून को परिणाम घोषित किया था। NTA एक ट्रांसपेरेंट ऑर्गनाइजेशन है और हम सभी चैलेंज को एड्रेस करते हैं। उन्होंने आगे कहा, ” हायर मार्क्स और टॉपर पर सवाल उठ रहे थे… ये सबसे बड़ा एग्जाम है 24 लाख कैंडिडेट्स ने ये एग्जाम दिया। 1600 कैंडिडेट ऐसे थे जिनको गलत पेपर मिला, उनको पूरा समय नहीं मिला। कई सारी जगह पर ऐसा हुआ के छात्रों को पूरा समय नहीं मिला। ऐसे कई कैंडिडेट्स हाई कोर्ट गए और उन्होंने हाई कोर्ट में बोला के उनका जो टाइम खराब हुआ है उसका कंपनसेशन दिया जाए।
‘मामला सिर्फ 6 सेंटर्स और 1600 बच्चों का’
NTA के डीजी ने कहा,”एक कमिटी गठित हुई और उसमें पाया गया के टाइम loss हुआ है, जिस के बाद उनके नंबर बढ़ाए गए। मीडिया में ये सवाल उठा रहें हैं के 719-718 कैसे आए हैं, हमने सब की जांच करने के बाद ही परिणाम घोषित किए। पूरे देश में ऐसा नहीं हुआ है कुछ ही सेंटर में ये हुआ है जिससे 1600 बच्चे प्रभावित हुए। हम इसकी जाँच कर रही हैं। कमिटी बनाई गई है जो ये देखेगी के इन 1600 में से जिन बच्चों का time loss हुआ है और 6 सेंटर में हुआ। यह समिति पूर्व यूपीएससी अध्यक्ष और अन्य सदस्यों की अध्यक्षता में गठित की गई है। हमें एक सप्ताह में उनकी सिफारिशें मिल जाएंगी। मामला सिर्फ 6 सेंटर्स और 1600 बच्चों का है।”
क्या फिर से होगा NEET का री-एग्जाम?
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान NTA निदेशक ने कहा, “यदि समिति को लगता है कि पुनः परीक्षा होनी चाहिए, तो हम इसका आयोजन करेंगे।”
दरअसल, इस साल नीट यूजी रिजल्ट आने के बाद से ही कॉन्ट्रोवर्सी शुरू हो गई थी। इस बार एक नहीं दो नहीं बल्कि 67 स्टूडेंट्स ने 720 अंक लाकर अपने आपको टॉपर्स की लिस्ट में शामिल किया था। वहीं, स्टूडेंट्स 718 और 719 अंक भी स्टूडेंट्स के आए, जिनको लेकर भी प्रश्न खड़े हो गए।