भारत की सबसे बड़ी एकीकृत बिजली कंपनी एनटीपीसी लिमिटेड ने अपना 50वां स्थापना दिवस मनाया। इस दौरान सीएमडी गुरदीप सिंह ने बताया कि एनटीपीसी विंध्याचल ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है।
कार्बन उत्सर्जन को कम करने की दिशा में प्रयास
एनटीपीसी विंध्याचल ने अपने पावर प्लांट में पहली बार कोयला जलने के बाद निकलने वाली कार्बन डाइऑक्साइड गैस को एकत्र कर सफलतापूर्वक संश्लेषित कर उसे मेथेनॉल बनाकर बहुत ही महत्वपूर्ण उपलब्धि प्राप्त किया है। कोयला आधारित पावर प्लांट से कार्बन उत्सर्जन को कम करने के प्रयासों में यह महत्वपूर्ण प्रयास है।
डाइऑक्साइड गैस से मेथेनॉल बनाना बड़ी उपलब्धि
एनटीपीसी विंध्याचल के उप प्रबंधक शंकर सुब्रमण्यम ने शुक्रवार को बताया कि कोयला आधारित पावर प्लांट से भारी मात्रा में कोयला जलने के बाद निकलने वाली कार्बन डाइऑक्साइड गैस को एकत्र कर उससे मेथेनॉल बनाना एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। पहली बार इस प्लांट में 10टीपीडी कार्बन डाइऑक्साइड गैस को एकत्र कर उससे ग्रीन मेथेनॉल का ड्रॉप सफलतापूर्वक संश्लेषित किया गया। यह मेथेनॉल कार्बन डाइऑक्साइड और ग्रीन हाइड्रोजन का उपयोग करके तैयार किया गया है। इस महत्वपूर्ण सफलता से देशभर के एनटीपीसी व अन्य कोयला आधारित बिजली संयत्रों से कार्बन डाइऑक्साइड गैस का उत्सर्जन कम करने में मदद करेगा। यह परियोजना भारत के 2070 तक नेट- ज़ीरो उत्सर्जन लक्ष्य को प्राप्त करने में भी अहम भूमिका निभाएगा। यह उपलब्धि एनटीपीसी के प्रयासों को साबित करती है जो भारत को हरित ऊर्जा की दिशा में अग्रसर करने में योगदान दे रहे हैं।
सीओ2 कैप्चर प्लांट और सीओ2-टू-मेथनॉल प्लांट दोनों दुनिया में अपनी तरह के पहले हैं, जो कार्बन प्रबंधन और टिकाऊ ईंधन उत्पादन में एक ऐतिहासिक कदम है।