बिहार के अंदर शिक्षा में सुधार को लेकर बड़े प्लान तैयार किए जा रहे हैं। इस बीच अब एक और बड़ा निर्णय लिया है आइए जानते हैं क्या है नया अपडेट दरअसल,बिहार के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के लिए अच्छी खबर है। विद्यालयों में साइंस व मैथ ओलंपियाड परीक्षा शुरू की जाएगी। कक्षा 4 से ऊपर के सभी छात्र इस परीक्षा में शामिल हो सकेंगे। इस आयोजन से मेधावी छात्रों को पहचानने में मदद मिलेगी। परीक्षा का आयोजन ऑनलाइन किया जाएगा इसके साथ ही रिजल्ट भी ऑनलाइन ही जारी होगा।
राज्य के सरकारी विद्यालयों में साइंस और मैथ ओलंपियाड को शुरू किया जाएगा। इसमें क्लास चार से ऊपरी कक्षाओं के छात्र-छात्राओं की भागीदारी होगी। इस प्रतियोगिता के जरिए छात्र-छात्राओं की मेधावी छात्रों की परख होगी वहीं सरकार को यह आकलन करने में मदद मिलेगी कि कितने विद्यार्थियों में विज्ञान और गणित विषय में रूचि है। इस ओलंपियाड में शामिल होने वाले छात्र-छात्राओं की ऑनलाइन परीक्षा ली जाएगी और उसके रिजल्ट भी ऑनलाइन ही प्रकाशित किए जाएंगे। इस बात की जानकारी खुद शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ.एस. सिद्धार्थ ने दी है।
इसके अलावा बच्चों के लिए शनिवार का दिन नन-यूनिफार्म डे होगा, ताकि उनके स्कूल ड्रेस की साफ-सफाई हो सके और ठंड में दो दिनों में वो ड्रेस सूख सके।सभी विद्यालयों में बच्चों को पिकनिक पर ले जाना अनिवार्य है, इसके लिए पहले से प्रधानाध्यापकों को दिशा निर्देश दिया गया है। विद्यालयों में बच्चों के मल्टीमीडिया टीचिंग की व्यवस्था प्रधानाध्यापक खुद कर सकते हैं ,क्योंकि उनके पास विद्यालय विकास हेतु फंड भी है।
इधर, जैसा ही हमने कल भी आपको बताया था कि अपर मुख्य सचिव डॉ.एस. सिद्धार्थ ने कहा कि इस वर्ष दिसंबर में ही ग्रीष्मावकाश का समयतय कर दिया जाएगा और पूरे साल का कैलेंडर भी घोषित किया जाएगा। ग्रीष्मावकाश में इस बार सरकारी विद्यालयों में किसी प्रकार की कक्षाएं संचालित नहीं की जाएंगी, लेकिन शिक्षकों को ग्रीष्मावकाश के लिए बच्चों को होमवर्क और प्रोजेक्ट वर्क देना अनिवार्य होगा।
जहां तक ठंड में छुट्टी की बात है तो यह सरकार द्वारा प्रत्येक जिलाधिकारी को पहले से निर्देश दिया हुआ है कि ठंड व शीतलहर के मद्देनजर विद्यालयों में छुट्टियां घोषित करेंगे। डॉ.एस. सिद्धार्थ ने कहा कि प्राथमिक से लेकर उच्च माध्यमिक विद्यालयों के संचालन के समय में बदलाव करने की योजना है। इसे मल्टी स्लाउट टाइम सिस्टम के रूप में लागू किया जाएगा। छोटे बच्चों के लिए अलग स्कूल टाइमिंग होगी। इसके लिए प्रधानाध्यापकों को अधिकृत किया जाएगा।साथ ही कक्षाओं में बच्चों के सीटिंग मैनेजमेंट की भी व्यवस्था लागू होगी। पढ़ाई में कमजोर बच्चे आगे की सीट पर बैठेंगे। पढ़ाई में कमजोर बच्चों को स्कूलों में छुट़्टी के बाद शाम पांच से सात बजे तक पढ़ाने की व्यवस्था विद्यालय में होगी, जिसमें गांव के पढ़े-लिखे नौजवानों से मदद ली जाएगी।