रायबरेली स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी (IGRUA) की एक महिला ट्रेनी पायलट का मंगलवार को कथित तौर पर नागपुर के हवाई यातायात नियंत्रण (ATC) से संपर्क टूट गया। इसके बाद महिला पायलट ने डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के रनवे से 1.3 किमी दूर एक टैक्सीवे पर प्लेन उतार दिया। जानकारी के अनुसार, उन्होंने गोंदिया से डायमंड-40 विमान से उड़ान भरी थी और रायपुर में दूसरी बार प्लेन लैंड करने से पहले वह अकेले ही नागपुर के लिए उड़ान भर रही थीं।
एटीसी रडार पर इसकी भनक लगने के बाद नागपुर हवाईअड्डे से भेजी गई एक खोजी टीम ने आस-पास की तलाशी ली और उसे मिहान एसईजेड में टैक्सीवे पर ट्रैक किया, जो विमान के रखरखाव और ओवरहाल डिपो के लिए टोअवे सुविधा के रूप में कार्य करता है। इसके बाद घटना की सूचना नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) को दी गई है।
महिला का एटीसी से टूट गया था संपर्क
जानकारी के अनुसार, रनवे पर साफ चिह्न होते हैं, जिन्हें ट्रेनी पायलट प्लेन की लैंडिंग कराने से पहले पहचान सकते हैं। वहीं, टैक्सीवे पर दिखाई देने वाला क्रॉस पर प्लेन को लैंड करने की मनाही होती है ताकि किसी तरह हादसा न हो। इसी दौरान जब विमान पायलट ने एटीसी से प्लेन को उतारने की अनुमति मांगी है, तो उसे सही जगह लैंडिंग के लिए एक रास्ता दिया और पूछा कि क्या आपको रनवे देखाई दे रहा है। हालांकि, उस दौरान महिला पायलट का लैंडिंग के दौरान एटीसी से संपर्क टूट गया था। वहीं, जब उसने टैक्सीवे को देखा था तो उसने प्लेन की वहीं पर ही लैंडिंग करा दी। क्योंकि रास्ता बदलने और रनवे की ओर उड़ान भरने में बहुत देर हो चुकी थी। साथ ही महिला पायलट को उस समय हवाई यातायात के बारे में पता नहीं था।
मिली जानकारी के मुताबिक, एटीसी रडार से दूर जाने के बाद दुर्घटना से बचने के लिए पायलट ने विमान को टैक्सीवे पर उतार दिया। हालांकि, इस मामले की जांच की जाएंगी कि उसने रवने की जगह टैक्सीवे पर प्लेन की लैंडिंग क्यों कराई। एटीसी अधिकारियों ने इस मामले में कुछ नहीं बताया कि मामले की जांच कौन करेगा।