बुधवार 30 अक्टूबर 2024 को कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के उपलक्ष्य में दीपावली महापर्व, छोटी दीपावली, सरस्वती/ कुबेर पूजा, नरक चतुर्दशी व रूप चौदस का पर्व मनाया जाएगा। मान्यतानुसार नरक चौदस व नरक पूजा के दिन जो व्यक्ति सूर्योदय से पूर्व अभ्यंग-स्नान अर्थात तिल का तेल लगाकर अपामार्ग अर्थात चिचड़ी की पत्तियां जल में डालकर स्नान करता है, उसे यमराज की कृपा वश नरक गमन से मुक्ति मिलती है। व्यक्ति के सारे पाप नष्ट होते हैं। इस दिन से पाप व नरक से मुक्ति हेतु व्रत भी प्रचलित है। प्रातः काल अभ्यंग-स्नान के बाद राधा-कृष्ण के मंदिर में दर्शन करने से पाप नाश होता है और सौन्दर्य व रूप की प्राप्ति होती है।
Yamraj mantra यमराज मंत्र: यं यमराजाय नमः॥
Narak Chaturdashi Ke Upay महाउपाय
पारिवारिक रोग मुक्ति हेतु सभी परिजनो के सिर से 4 काली मिर्च के दाने वारकर कपूर से जला दें।
खूबसूरत व जवान बने रहने के लिए श्रीकृष्ण पर चढ़ा हल्दी-चंदन का लेप शरीर पर लगाएं।
Roop Chaturdashi 2024 remedies: कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी पर्व पर सूर्योदय से पूर्व अभ्यंग-स्नान करने का विधान शास्त्रों में बताया गया है। अभ्यंग-स्नान के लिए शास्त्रों ने ब्रह्म मुहूर्त का समय निर्देशित किया है। चतुर्दशी के दिन अभ्यंग स्नान बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। अभ्यंग स्नान के दौरान उबटन के लिए तिल के तेल का उपयोग किया जाता है। अभ्यंग स्नान के लिए मुहूर्त का समय चतुर्दशी तिथि के प्रचलित रहते हुए चंद्रोदय व सूर्योदय के मध्य रहना चाहिए।
इस वर्ष नरक चतुर्दशी 30 अक्टूबर को मनाई जाएगी। चतुर्दशी तिथि का प्रारंभ 30 अक्टूबर को दोपहर 1 बजकर 15 मिनट पर होगा और समापन 31 अक्टूबर को दोपहर 3 बजकर 52 मिनट पर होगा।