14 फरवरी को सरस्वती पूजा, बिहार के IPS अधिकारियों ने अपने बचपन को किया याद

GridArt 20240210 162405242

देश भर में सरस्वती पूजा की तैयारी चल रही है. विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा 14 फरवरी को होगी. सरस्वती पूजा के मौके पर बिहार के चर्चित आईपीएस अधिकारी के बारे में बताएंगे जो बचपन में मां सरस्वती की पूजा कैसे करते थे. उन्होंने बचपन के समय की सरस्वती पूजा याद करते हुए कई किस्से बताए. सभी अपने बचपनों को याद कर भावूक हो गए।

धूमधाम से पूजा करते थे विकास वैभवः चर्चित आईपीएस विकास वैभव सरस्वती पूजा को लेकर ईटीवी भारत से बातचीत की. विकास वैभव ने टोलीफोनिक बातचीत के दौरान कहा कि सरस्वती पूजा आम से लेकर खास सभी लोग करते हैं. बिहार में इसकी धूम देखने को मिलती है. उन्होंने कहा कि अपने पढ़ाई के दौरान वे निःशुल्क कोचिंग देते थे. उस समय भी मां सरस्वती की पूजा अर्चना करते थे।

एक महीने पहले से होती थी तैयारीः विकास वैभव बताते हैं कि गांव में दोस्तों के साथ एक महीना पहले से तैयारी करते थे. गांव में घूम घूमकर कर सरस्वती पूजा करने के लिए चंदा मांगते थे. पहले 11 या 21 रुपए चंदा मिलता था. इसी पैसे से सरस्वती मां की प्रतिमा लाते थे. प्रतिमा लाने के दौरान पूरे रास्ते जयकारा लगाते आते थे. रातभर अपने दोस्तों के साथ मिलकर पूजास्थल को सजाते थे।

दोस्तों के साथ घूमते थे मनोज तिवारीः आईपीएस मनोज तिवारी ने बातचीत में बताया कि हिंदू धर्म में पूजा का एक विशेष महत्व है. बचपन में मां सरस्वती कि पूजा करने के लिए पूरे साल इंतजार करते थे. गांव के सभी लोगों से सामर्थ्य के अनुसार चंदा मांगते थे. उस चंदा के पैसे से मां सरस्वती की प्रतिमा लाकर सजाया जाता था. पूजा होने के बाद अपने दोस्तों के साथ स्कूल और कोचिंग में घूम घूमकर प्रसाद खाते थे. शाम में सरस्वती मां की आरती में काफी संख्या में भीड़ जुटती थी।

शाम में गीत संगीत का होता था आयोजनः मनोज तिवारी बताते हैं कि रात में गीत-संगीत का प्रोग्राम होता था. गांव के बड़े बुजुर्ग सभी लोग आते थे. उन्होंने बताया कि वह दिन आज भी याद कर मुझे प्रसन्नता होती है. बचपन का वह दौर अब दोबारा नहीं मिलेगा. छात्रों से मेरी यही कामना है कि मां सरस्वती की पूजा धूमधाम से करें. किसी प्रकार की कोई ऐसा कदम न उठाएं जिससे कि किसी अन्य लोगों को परेशानी हो।

पॉकेट मनी बचाकर करते थे पूजाः पूर्व पुलिस महानिरीक्षक जितेंद्र मिश्रा सरस्वती पूजा के मौके पर अपने बचपन को याद किया. बताते हैं कि पूजा करने का उत्साह कुछ ऐसा रहता था कि सभी लोग अपने दोस्तों के साथ मिलकर घूम घूमकर चंदा मांगते थे. उस समय ज्यादा पॉकेट मनी नहीं होती थी और हम पूरे साल बचत करते थे. सभी दोस्त पूजा होने के बाद घूमते थे और रेस्टोरेंट होटल में जाकर खाना खाते थे. वह दौर अब दोबारा नहीं मिलेगा लेकिन उसको याद जरूर किया जा सकता है।

सरस्वती पूजा एक खास अहसासः पटना की कोतवाली थाना में पद स्थापित सब इंस्पेक्टर संगीता सरस्वती पूजा को लेकर अपनी यादें साझा की. संगीता ने बचपन के दिनों को याद करते हुए कहा कि जब मैं छोटी थी तो साल में कई ऐसे विशेष अवसर होते थे जिनका बेसब्री से इंतजार करती थी. एक छात्रा के रूप में मुझे याद है कि सरस्वती पूजा कितनी खास होती थी. उन्होंने बचपन को याद करते हुए पूजा के बारे में बताया।

“सुबह जल्दी उठने के बाद बगीचे से फूल लाते थे. सुंदर फूलों को देवी को अर्पित कर मां सरस्वती की पूजा-अर्चना करते थे. अपने सहेलियों के साथ पूजा अर्चना करने के लिए काफी उत्साहित रहती थी. मां सरस्वती के चरणों में पुस्तकों को समर्पण कर अपने दोस्तों के साथ घूमने जाती थी.” -इंस्पेक्टर संगीता

लिस्ट बनाकर चंदा मांगते थे कृष्ण मुरारी प्रसादः कोतवाली लॉ एंड आर्डर डीएसपी कृष्ण मुरारी प्रसाद ने भी अपने बचपन को याद किया. उन्होंने कहा है कि बचपन में काफी उत्साह के साथ सरस्वती पूजा करते थे. बचपन में हम लोग चंदा इकट्ठा कर पूजा करते थे. काफी दिन पहले से दोस्तों के साथ मिलकर लिस्ट बनाकर लोगों से चंदा मांग कर सरस्वती माता की पूजा करते थे. काफी खुशी का माहौल रहता था।

“मूर्ति की स्थापना कर काफी धूमधाम से सरस्वती माता की आराधना करते थे. विसर्जन के दिन जब सरस्वती माता का विसर्जन होने लगता था उस समय आंख से आंसू भी आते थे. फिर अगले साल सरस्वती पूजा आएगा यह सोचकर अपने मन को धैर्य पूर्वक शांत कर लेते थे.” -कृष्ण मुरारी प्रसाद, डीएसपी, लॉ एंड ऑर्डर

Sumit ZaaDav: Hi, myself Sumit ZaaDav from vob. I love updating Web news, creating news reels and video. I have four years experience of digital media.