Voice Of Bihar

खबर वही जो है सही

एक तरफ जुबिन नौटियाल का गाना तो दूसरी ओर टूटने लगी कुर्सियां

ByKumar Aditya

दिसम्बर 22, 2024
1200 675 23170558 thumbnail 16x9 nalanda

नालंदाः बिहार में पहली बार जुबिन नौटियाल पहुंचे. दर्शकों की भीड़ इतनी बेकाबू हुई की संभालने के लिए प्रशासन के पसीने छुट गए. राजगीर महोत्सव के पहले दिन शनिवार की शाम जुबिन नौटियाल का कार्यक्रम रहा. उनके गाने सुनने के लिए काफी संख्या में लोग पहुंचे थे. खासकर युवाओं की भीड़ अत्यधिक रही.

संगीत के दिवाने हुए लोग

प्रशासनिक कमजोरी कहें या जुबिन नौटियाल के आने की खुशी, कार्यक्रम में भीड़ बेकाबू हो गयी. लोग प्रशासन अधिकारियों की गाड़ी के ऊपर चढ़ गए. यही नहीं सुरक्षा के लिए बनाए गए टावर पर भी लोग चढ़ गए. बेकाबू भीड़ ने जमकर कुर्सिया भी तोड़ी. जुबिन के गाने की आवाज में कुर्सी टूटने की आवाज दब गयी. हालांकि इस दौरान कोई हताहत नहीं हुई और कार्यक्रम शांतिपूर्ण रहा.

ग्राम श्री मेला खास आकर्षक

बता दें कि शनिवार को राजगीर महोत्सव का पहला दिन रहा. कार्यक्रम का भव्य उद्घाटन बिहार सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार और नालंदा सांसद कौशलेंद्र कुमार ने किया. सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरुआत सर्वधर्म मंगलाचरण से हुई. तीन दिवसीय महोत्सव में ग्राम श्री मेला खास आकर्षण का केंद्र बना है.

पूरे देश से शिल्पकार पहुंचे

जहां जम्मू-कश्मीर से लेकर गुजरात और असम तक के शिल्पकार अपने उत्पाद की प्रदर्शनी लगाए हुए हैं. इस मौक़े मंत्री श्रवण कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि ‘राजगीर महोत्सव स्थानीय संस्कृति और परंपराओं को प्रोत्साहित करने का महत्वपूर्ण जरिया है.’ सांसद कौशलेंद्र कुमार ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रयासों को सराहते हुए राजगीर के ऐतिहासिक विकास का जिक्र किया.

1986 से महोत्सव का आयोजन

बता दें कि राजगीर बिहार का सबसे बड़ा पर्यटक क्षेत्र है. सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में पर्यटक को बढ़ावा दिया जा रहा है. 1986 में पहली बार राजगीर महोत्सव मनाया गया था. हालांकि बीच में यह बंद हो गया था. नीतीश कुमार के कार्यकाल में हर साल इस कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है. तीनों दिनों तक चलने वाले इस महोत्सव में नृत्य और संगीत कार्यक्रम रखा जाता है.

हर साल महोत्सव का आयोजन

4 अप्रैल 1986 को बिहार के तत्कालीन सीएम बिंदेश्वरी दुबे ने राजगीर से स्वर्ण भंडार क्षेत्र में इस कार्यक्रम का उद्घाटन किया था. 1989 तक महोत्सव आयोजित हुए इसके बाद किसी कारण से बंद कर दिया गया. इसके बाद फिर से 1994 से इसका आयोजन होते आ रहा है. हालांकि 2020 में कोरोना के दौरान एक साल कार्यक्रम रद्द हो गया था.


Discover more from Voice Of Bihar

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Submit your Opinion

Discover more from Voice Of Bihar

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading