अब राज्य में खाद्य एवं पेय पदार्थों की मिलावट की जांच ऑन-स्पॉट की जा सकेगी। पटना में राज्य की पहली माइक्रोबायोलॉजी लैब स्थापित की गई है, जहां आम लोग भी खाद्य पदार्थों की जांच करा सकते हैं।
फूड टेस्टिंग वैन से ऑन-स्पॉट जांच
राजधानी पटना, भागलपुर और पूर्णिया में पहले ही फूड टेस्टिंग वैन शुरू की जा चुकी हैं, जो बाजार से सैंपल लेकर तत्काल जांच करती हैं। जल्द ही प्रदेश के हर जिले में यह सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
माइक्रोबायोलॉजी लैब – अत्याधुनिक जांच सुविधाएं
पटना के अगमकुआं में स्थित फूड एंड ड्रग टेस्टिंग लैब को आधुनिक तकनीकों से अपग्रेड किया गया है। यह लैब 1980 से कार्यरत है, लेकिन अब इसमें माइक्रोबायोलॉजी और एडवांस टेक्नोलॉजी आधारित जांच की सुविधा जोड़ी गई है।
लैब की विशेषताएँ:
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- हाईटेक मशीनों से जांच – एडवांस उपकरणों की मदद से मिलावट और हानिकारक तत्वों की पहचान
- बैक्टीरिया और माइक्रोब्स टेस्टिंग – दूध, मांस, मछली, पानी आदि में मौजूद बैक्टीरिया की सटीक पहचान
- केमिकल टेस्टिंग – खाद्य पदार्थों में केमिकल और जहरीले तत्वों की जांच
NABL और FSSAI से मान्यता प्राप्त प्रयोगशाला
यह लैब नेशनल एक्रेडिटेशन बोर्ड (NABL) और भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) से मान्यता प्राप्त है। अब यहाँ दूध, दही, मिठाई, मांस, मछली, पानी समेत किसी भी खाद्य सामग्री की शुद्धता जांची जा सकती है।
6 करोड़ की लागत से लैस हाईटेक लैब
इस लैब को राज्य सरकार और FSSAI के संयुक्त प्रयास से 6 करोड़ रुपये की लागत से अपग्रेड किया गया। इसमें गैस क्रोमैटोग्राफी मास स्पेक्ट्रोमेट्री (GC-MS/MS), लिक्विड क्रोमैटोग्राफी मास स्पेक्ट्रोमेट्री (LC-MS/MS) और इंडक्टिवली कपल्ड प्लाजमा मास स्पेक्ट्रोमेट्री (ICP-MS) जैसी अत्याधुनिक तकनीकें शामिल हैं, जो खाद्य पदार्थों में कीटनाशकों, एंटीबायोटिक्स, जहरीले रंगों और भारी धातुओं की पहचान करने में सक्षम हैं। अब आम नागरिक भी किसी भी खाद्य पदार्थ की गुणवत्ता की जांच इस लैब में करवा सकते हैं और मिलावटी सामानों की पहचान कर सकते हैं।