भवन निर्माण विभाग के द्वारा टेंडर में गड़बड़ी को लेकर निगरानी विभाग की टीम दरभंगा पहुंचकर अभियंताओं के द्वारा कराए गए विभागीय कार्य की जांच किया। इस बात की शिकायत केवटी के भाजपा विधायक मुरारी मोहन झा ने भवन निर्माण विभाग के अभियंताओं के द्वारा निकाले गए टेंडर को रद्द कर विभागीय कार्य मनचाहे संवेदक से कराने की शिकायत भवन निर्माण विभाग के सचिव को पत्र लिखकर कराने का अनुरोध किया था।
विभागीय सचिव के निर्देश पर निगरानी विभाग के एक सदस्यीय टीम दरभंगा पहुंचकर सर्किट हाउस, अधीक्षण अभियंता के आवासीय परिसर, ऑफिसर्स कॉलोनी सहित अन्य सरकारी भवन का जांच किया। जांच के बाद निगरानी विभाग के अधिकारी कुछ भी बताने से परहेज करते रहे।
बता दें कि वर्ष 2022-23 में एक निविदा जिसमें 112 ग्रुप में कुल 5 करोड रुपए की निकाली गई थी। उस निविदा को रद्द कर लगभग 3 करोड़ रुपए विभागीय कार्य करवाया गया। पुनः वित्तीय 2023-24 में आवासों में रखरखाव के लिए आठ ग्रुप में 20 लाख रुपए का निविदा निकल गया। उसे भी कार्यपालक अभियंता के अनुशंसा पर अधीक्षण अभियंता ने निविदा को रद्द कर दिया। दोनों वर्ष के निविदा को रद्द कर विभागीय कार्य संवेदक के मिलीभगत से अभियंता के द्वारा करवाया गया है।
सरकारी नियमानुसार 5 लाख से ऊपर के कामों को विभागीय कार्य नहीं करवाया जा सकता है। तो किन परिस्थिति में इन लोगों के द्वारा विभागीय कार्य करवाया गया है। उन सब की जांच के लिए निगरानी विभाग के अभियंता पहुंचे थे और जगह-जगह जाकर जांच की है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में कार्यपालक अभियंता के पद पर उपेंद्र कुमार पदस्थापित थे। लेकिन उनका स्थानांतरण होने के बाद समस्तीपुर के कार्यपालक अभियंता राजीव कुमार दो-तीन महीने तक चार्ज में रहे थे।
वर्ष 2023 के जून महीने में कार्यपालक अभियंता के पद पर ब्रजेश कुमार ने योगदान दिया है। वही अधीक्षक अभियंता के पद पर रेनू अग्रवाल, सहायक अभियंता दिशभव साह व कनीय अभियंता अभिषेक कुमार पदस्थापित हैं। वही कार्यालय परिसर में उपस्थित संवेदकों का आरोप था कि अभियंताओं और मनचाहा संवेदक के द्वारा कार्य के नाम पर पैसे की लूट की गई है। कार्य गुणवत्ता पूर्ण नहीं कराने का अभी आरोप लगाया है।