17 सितंबर को नए संसद भवन के तीन औरचारिक प्रवेश द्वारों में से एक गज द्वार पर तिरंगा फहराया जाएगा। इसके बाद अगले दिन यानी 18 सितंबर से 22 सितंबर तक विशेष सत्र चलेगा। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सत्र की शुरूआत तो पुराने भवन में ही होगी मगर सत्र की समाप्ति नए भवन में की जाएगी। इसका मतलब सत्र के दौरान ही पुराने संसद भवन से नए संसद भवन में शिफ्टिंग की जाएगी।
CPWD ने कार्यक्रम का किया आयोजन
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस नए भवन का निर्माण केंद्रीय लोक निर्माण विभाग ने किया है। CPWD ने 17 सितंबर को संसद के तीन प्रवेश द्वारों में से एक गज द्वारा पर आयोजित होने वाले ध्वजारोहण कार्यक्रम के लिए तैयारियां शुरू कर दी है। यह पहला ऐसा कोई आधिकारिक कार्यक्रम होगा जिसे संसद भवन की नई बिल्डिंग में आयोजित किया जाएगा। आपको बता दें 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन भी है।
नए भवन में कब होगी शिफ्टिंग
आपको बता दें कि 18 से 22 सितंबर तक विशेष सत्र होना है। इससे ठीक एक दिन पहले यानी 17 सितंबर को नए भवन के गज द्वार पर ध्वजारोहण का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इसके बाद 18 सितंबर से पुराने भवन में ही विशेष सत्र की शुरूआत होगी। मगर सूत्रों के मुताबिक 19 सितंबर को नए भवन में शिफ्टिंग का प्रोग्राम रखा जाएगा।
नए भवन की क्यों पड़ी जरूरत?
आपको बता दें कि पुराने संसद भवन के लोअर हाउस यानी लोकसभा में सांसदों के लिए 545 सीटें हैं। सीटों की इस संख्या का फैसला 1971 की जनगणना के आधार पर किए गए परिसीमन पर लिया गया है, जो 2026 तक स्थिर रहेगा। मगर उसके बाद जब लोकसभा में सीटों की बढ़ोतरी होगी तब चुने जाने वाले नए सासंदों के लिए सीटों की कमी होगी। इस बात को ध्यान में रखते हुए नए भवन का निर्माण किया गया है।