राजकीय श्रावणी मेला, 2024 का अंतिम व पांचवी सोमवारी पर समापन हो गया। एक अनुमान के मुताबिक श्रावणी मेले के अंतिम दिन अंतिम सोमवारी पर करीबन 1 लाख कांवरियों व श्रद्धालुओं ने कामनालिंग बाबा वैद्यनाथ पर जलार्पण कर मंगलकामना की। श्रावण पूर्णिमा पर मेले के अंतिम दिन बाबा वैद्यनाथ की स्पर्श पूजा की भी शुरुआत हो गयी।
प्रशासनिक अधिकारियों की ओर से विशेष पूजा के बाद अपराह्न बेला से आमभक्तों के लिए स्पर्श पूजा शुरू कर दी गयी। श्रावणी मेले के अंतिम दिन जलार्पण के लिए करीबन 4 किलोमीटर लंबी कतार लगी। श्रद्धालु कांवर यात्रा के साथ जलार्पण के लिए कतारबद्ध होकर आगे बढ़ते रहे। राजकीय श्रावणी मेला, 2024 के अंतिम दिन प्रात 430 बजे बाबा वैद्यनाथ मंदिर का पट खुलने के बाद पुरोहितों की ओर से कांचा जल पूजा की गयी। उसके बाद पुजारी की ओर से सरकारी पूजा की गयी, उसके बाद आमभक्तों की ओर से जलार्पण शुरू हो गया।
बैद्यनाथ धाम से दंडवत करते जमुई के उपेंद्र पहुंचे काशी
वाराणसी। आस्था और विश्वास हो तो कठिन से कठिन परिस्थिति भी डिगा नहीं सकती। ऐसा ही एक उदाहरण सोमवार को दिखा। करीब 500 किमी दंडवत करते जमुई के रहने वाले बाबा उधो दास उर्फ उपेंद्र राय सावन के आखिरी सोमवार को काशी पहुंचे। 25 जनवरी 2024 को उन्होंने बैद्यनाथ धाम से दंडवत यात्रा शुरू की थी। उपेंद्र राय काशी में एक-दो दिन विश्राम के बाद अयोध्या रवाना होंगे।