22 जुलाई से सावन की शुरुआत हो रही है. एक तरफ जहां प्रशासन और भगवान भोलेनाथ के भक्त इसकी तैयारियों में जोर-शोर से जुटे हैं, वहीं दूसरी तरफ यूपी के फैसले का असर भी शुरू हो गया है. बीजेपी विधायक हरि भूषण ठाकुर बचौल के बाद अन्य सामाजिक संगठन भी यूपी की तर्ज पर बिहार में भी कांवड़िया पथ पर दुकानदारों के लिए नेमप्लेट लगाने को अनिवार्य करने की मांग करने लगे हैं।
बिहार में भी कांवड़ यात्रा रूट पर नेमप्लेट की मांग: राजधानी पटना में हिंदू शिव भवानी सेना ने पोस्टर लगाकर बिहार सरकार से भी यूपी की तर्ज पर आदेश जारी करने की मांग की है. जिसमें बिहार-झारखंड में भी कांवड़िया पथ पर दुकानदारों से नेमप्लेट लगाना अनिवार्य करने को कहा गया है. भागलपुर के सुल्तानगंज से लेकर झारखंड के देवघर स्थित बाबा धाम तक कांवड़िया पथ पर दुकानदारों के लिए नेमप्लेट लगाने की मांग की गई है।
क्या लिखा है पोस्टर में?: ‘उत्तर प्रदेश की तर्ज पर बिहार और झारखंड भी (सुल्तानगंज से देवघर) कांवड़ यात्रियों की आस्था की शुचिता बनाए रखने के लिए रास्ते में पड़ने वाली दुकानों में दुकान संचालकों के नेम प्लेट लगाए जाए.’
यूपी में दुकानदारों को नेमप्लेट दिखानी होगी: दरअसल, पिछले दिनों योगी सरकार ने आदेश जारी कर कहा है कि कांवड़ रूट के दुकानों और ठेले वालों को दुकान और ठेले पर अपना नाम लिखना होगा. हालांकि इस फैसले का विरोध भी हो रहा है. एनडीए के सहयोगी जेडीयू, एलजेपीआर और आरएलडी ने भी सवाल उठाए हैं।