छठ पर्व पर करें भगवान सूर्य देव की आरती, मंत्र व स्तुति का पाठ, जीवन हो जाएगा खुशहाल

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आज से छठ पर्व की शुरुआत हो गई है। इस व्रत में खासकर भगवान सूर्य की पूजा की जाती है। मान्यता है कि जो जातक विधि-विधान से सूर्य देव की पूजा करते हैं, उनका व्रत सफल हो जाता है। क्योंकि शास्त्र में सूर्य भगवान को ही धरती का एक मात्र साक्षात देवता माना गया है। साथ ही इन्हें ग्रहों का राजा भी कहा गया है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल छठ पर्व का अंतिम अर्घ्य रविवार को पड़ रहा है और रविवार का दिन सूर्य देव को समर्पित होता है। तो आज इस खबर में जानेंगे कि छठ पर्व में भगवान सूर्य को प्रसन्न करने के लिए कौन से उपाय कर सकते हैं। तो आइए विस्तार से जानते हैं।

छठ पर्व में जरूर करें ये उपाय

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यदि आप छठ का व्रत करते हैं, तो आप सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए उनके प्रिय आरती और स्तुति का पाठ कर सकते हैं। साथ ही सूर्य देव के चमत्कारी मंत्रों का जाप जरूर करना चाहिए। मान्यता है कि छठ पर्व में सूर्य देव की आरती, स्तुति और मंत्र का जाप करने से सूर्य देव का आशीर्वाद प्राप्त होता है। तो आइए आरती, स्तुति और मंत्रों को जानते हैं।

सूर्यदेव की आरती

ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान।

जगत के नेत्र स्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा।

धरत सब ही तव ध्यान, ॐ जय सूर्य भगवान।।

।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।

सारथी अरुण हैं प्रभु तुम, श्वेत कमलधारी। तुम चार भुजाधारी।।

अश्व हैं सात तुम्हारे, कोटि किरण पसारे। तुम हो देव महान।।

।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।

ऊषाकाल में जब तुम, उदयाचल आते। सब तब दर्शन पाते।।

फैलाते उजियारा, जागता तब जग सारा। करे सब तब गुणगान।।

।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।

संध्या में भुवनेश्वर अस्ताचल जाते। गोधन तब घर आते।।

गोधूलि बेला में, हर घर हर आंगन में। हो तव महिमा गान।।

।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।

देव-दनुज नर-नारी, ऋषि-मुनिवर भजते। आदित्य हृदय जपते।।

स्तोत्र ये मंगलकारी, इसकी है रचना न्यारी। दे नव जीवनदान।।

।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।

तुम हो त्रिकाल रचयिता, तुम जग के आधार। महिमा तब अपरम्पार।।

प्राणों का सिंचन करके भक्तों को अपने देते। बल, बुद्धि और ज्ञान।।

।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।

भूचर जलचर खेचर, सबके हों प्राण तुम्हीं। सब जीवों के प्राण तुम्हीं।।

वेद-पुराण बखाने, धर्म सभी तुम्हें माने। तुम ही सर्वशक्तिमान।।

।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।

पूजन करतीं दिशाएं, पूजे दश दिक्पाल। तुम भुवनों के प्रतिपाल।।

ऋतुएं तुम्हारी दासी, तुम शाश्वत अविनाशी। शुभकारी अंशुमान।।

।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।

ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान।

जगत के नेत्र स्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा।स्वरूपा।।

धरत सब ही तव ध्यान, ॐ जय सूर्य भगवान।।

सूर्य देव की स्तुति

नमामि देवदेवशं भूतभावनमव्ययम्। दिवाकरं रविं भानुं मार्तण्डं भास्करं भगम्।।

इन्द्रं विष्णुं हरिं हंसमर्कं लोकगुरुं विभुम्। त्रिनेत्रं त्र्यक्षरं त्र्यङ्गं त्रिमूर्तिं त्रिगतिं शुभम्।।

सूर्य देव के 5 चमत्कारी मंत्र

ॐ घृ‍णिं सूर्य्य: आदित्य:

ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा.

ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:

ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ

ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः

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