महादेव एप के प्रमोटर की तरफ से मुख्यमंत्री को पैसा दिये जाने का आरोप ईडी ने लगाया है। जिस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि इससे बड़ा मजाक कुछ और नहीं हो सकता है। किसी को मारपीट कर बयान डलवाकर राज्य के मुख्यमंत्री पर आरोप लगा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने ट्वीटर पर शेयर करते हुए कहा की भाजपा इस चुनाव से डर गई है और चुनाव जीतने के लिए ईडी, आईटी, डीआरआई और सीबीआई जैसी एजेंसियों के सहारा ले रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि यह कांग्रेस की सरकार को बदनाम करने का राजनीतिक प्रयास है जो ईडी के माध्यम से किया जा रहा है। ‘महादेव ऐप’ की कथित जांच के नाम पर ईडी ने पहले मेरे करीबी लोगों को बदनाम करने के लिए उनके घर छापे डाले और अब एक अनजान से व्यक्ति के बयान को आधार बनाकर मुझ पर 508 करोड़ लेने का आरोप लगा दिया है। ईडी की चालाकी देखिए कि उस व्यक्ति का बयान जाहिर करने के बाद एक छोटे से वाक्य में लिख दिया है कि बयान जांच का विषय है। अगर जांच नहीं हुई है तो एक व्यक्ति के बयान पर प्रेस रिलीज़ जारी करना न केवल ईडी की नीयत को बताता है बल्कि इसके पीछे केंद्र सरकार की बदनीयती को भी ज़ाहिर करता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस समय राज्य में चुनाव हो रहे हैं। सब कुछ चुनाव आयोग के हाथों में है। पुलिस के अलावा सीआरपीएफ़ के जवान जांच कर रहे हैं। ऐसे में सवाल यह उठता है कि इतनी बड़ी रकम लेकर लोग किस तरह से छत्तीसगढ़ पहुंच पा रहे हैं? कहीं इसमें भी तो केंद्रीय एजेंसियों की सांठगांठ नहीं चल रही है? कहीं ये रकम उन संदूकों में तो भरकर नहीं लाई गई है, जो ईडी के अफ़सरों और सुरक्षा एजेंसियों के साथ विशेष विमान से तो नहीं पहुंची है? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह दोनों मिलकर भी कांग्रेस का छत्तीसगढ़ में मुकाबला नहीं कर पा रहे हैं तो वे जांच एजेंसियों के सहारे चुनाव लड़ना चाहते हैं। ईडी के खिलाफ मैंने खुले बयान दिए हैं और जनता को बताता रहा हूं कि ईडी किस तरह से काम करती है। वह पहले लोगों के नाम तय करती है फिर लोगों को गिरफ़्तार करके धमकाती डराती है और नाम लेने के लिए बाध्य करती है। इसके लिए वह किसी भी हद तक जा सकती है।