बिहार की चार विधानसभा के लिए उपचुनाव की तारीखों का मंगलवार को ऐलान किया गया. निर्वाचन आयोग की ओर से प्रेस कांफ्रेस आयोजित कर बिहार सहित देश की 48 विधानसभा सीटों के उपचुनाव की घोषणा की गई. इसके साथ ही महाराष्ट्र और झारखंड के विधानसभा चुनावों का भी ऐलान किया गया. बिहार में चारों सीटों रामगढ़, बेलागंज, तरारी और इमामगंज में 13 नवम्बर को मतदान होगा.
उपचुनाव के लिए अधिसूचना जारी होने की तिथि 18 अक्टूबर है. वहीं नामांकन करने की अंतिम तारीख 25 अक्टूबर है. मतपत्रों की स्क्रूटनी 28 अक्टूबर को होगी. वहीं नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 30 अक्टूबर है. चारों सीटों पर एक साथ 13 नम्वबर को मतदान होगा. वहीं मतों की गिनती 23 नवंबर को होगी.
सेमीफाइनल मुकाबला : विधानसभा उपचुनाव में महागठबंधन को अपनी पकड़ बनाए रखने की चुनौती है, वहीं एनडीए चाहती है कि इन सीटों पर जीत हासिल कर अपने लिए बेहतर माहौल बनाया जाए. राजद के पास रामगढ़ और बेलागंज सीट थी जबकि तरारी सीट पर भाकपा माले के विधायक थे. वहीं इमामगंज से हम प्रमुख जीतन राम मांझी विधायक थे. ऐसे में बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले राज्य की सियासत में इस उपचुनाव को सेमीफाइनल मुकाबले के तौर पर देखा जा रहा है.
राजद को बड़ी चुनौती : ऐसे में यह उपचुनाव सबसे ज्यादा राजद के लिए चुनौतीपूर्ण है. राजद के पास चार में से दो सीटें थी. लालू-तेजस्वी की कोशिश है कि इस बार भी उनके दल का यह कब्ज बरकरार रहे. राजद की ओर से रामगढ़ सीट को लेकर मंथन जारी है. राजद के बिहार प्रदेश के अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे सुधाकर सिंह ने बक्सर से लोकसभा का चुनाव जीता जिस कारण यहां उप चुनाव हो रहा है. जगदानंद सिंह इस सीट पर अपने परिवार का कब्जा बरकरार रखना चाहते हैं. माना जा रहा है कि जगदानंद सिंह के छोटे बेटे अजीत सिंह राजद उम्मीदवार हो सकते हैं.
बेटे का चमकेगा भाग्य ? बेलागंज की सीट से राजद के बाहुबली नेता सुरेन्द्र यादव के जहानाबाद से लोकसभा चुनाव जीतने के कारण यहां उपचुनाव होना है. माना जा रहा है कि सुरेन्द्र यादव के बेटे विश्वनाथ यादव को राजद टिकट दे सकती है. तेजस्वी यादव रामगढ़ और बेलागंज दोनों सीटों पर ठोस रणनीति के साथ उतरने की कोशिश करेंगे जिससे राजद का कब्जा बना रहे.
तरारी में कड़ी लड़ाई : वहीं महागठबंधन को एक और सीट पर कब्जा जमाने के चुनौती है. तरारी विधानसभा सीट से भाकपा के सुदामा प्रसाद विधायक थे. वे अब काराकाट से सांसद हो चुके हैं. ऐसे में यहां से भाकपा की ओर से राजू यादव को उम्मीदवार बनाये जाने की चर्चा है. वहीं तेजस्वी यादव भी चाहेंगे कि इस सीट पर जीत हासिल कर महागठबंधन की ताकत दिखाएं. वहीं इमामगंज सीट पर राजद के ही उम्मीदवार उतारने की संभावना है. यहां से जीतन राम मांझी विधायक थे जो अब केंद्र में मंत्री हैं. अगर चार में से तीन सीटों पर राजद के उम्मीदवार उतरते हैं तो सबसे बड़ी प्रतिष्ठा की लड़ाई तेजस्वी यादव के लिए होगी.