बिहार की बेटी और मधेपुरा की बहू गुलनाज फिरदौस ने अपने हौसले और मेहनत से साबित कर दिया कि असफलता के बाद भी सफलता हासिल की जा सकती है। 10वीं में फेल होने के बाद भी उन्होंने न्यायिक सेवा की परीक्षा में शीर्ष 26 सफल अभ्यर्थियों में अपनी जगह बनाई है। गुलनाज ने डिस्ट्रिक्ट जज एंट्री लेवल डायरेक्ट फ्रॉम बार एग्जाम-2023 में न केवल सफलता हासिल की, बल्कि बिहार से चयनित होने वाली दो महिलाओं में से एक बनकर अपने जिले का नाम रोशन किया। 17 दिसंबर 2023 को घोषित परीक्षा परिणाम में उनकी सफलता ने पूरे क्षेत्र में उत्साह का माहौल बना दिया।
शानदार स्वागत और प्रेरणा की मिसाल
गुलनाज मंगलवार को मधेपुरा पहुंचीं, जहां शहर के लोगों ने उनका भव्य स्वागत किया। उनकी उपलब्धि पूरे इलाके में चर्चा का विषय बन गई है। अल्पसंख्यक समुदाय की इस बहू ने समाज में बेटियों की शिक्षा को लेकर अपनी स्पष्ट राय रखी और समाज में बदलाव की आवश्यकता पर बल दिया।
शिक्षा को लेकर बेबाक राय
गुलनाज ने कहा, “हमारे समुदाय में लड़कियों को पढ़ाया नहीं जाता। अगर पढ़ाई होती भी है तो सिर्फ शादी के लिए, ताकि वे एक अच्छे घर में शादी कर सकें।” उन्होंने बताया कि 10वीं में फेल होने के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और निरंतर मेहनत से न्यायिक सेवा में यह मुकाम हासिल किया। उनका मानना है कि समाज में लड़कियों को पढ़ाई के लिए प्रेरित करना बेहद जरूरी है। उन्होंने अपनी सफलता को शादी के बाद हासिल करने को एक बड़ी उपलब्धि बताया और इसे अपनी कौम के लिए प्रेरणा का स्रोत कहा।
पति बने सबसे बड़ा सहारा
गुलनाज ने अपनी सफलता का श्रेय अपने पति को दिया। उन्होंने कहा, “मेरे शोहर मेरी बैकबोन हैं। उनके प्रोत्साहन और सहयोग के बिना मैं यह मुकाम हासिल नहीं कर सकती थी।” उनकी प्रारंभिक शिक्षा से लेकर लॉ तक की पढ़ाई मुजफ्फरपुर में हुई। ससुराल मधेपुरा और मायके मुजफ्फरपुर होने के बावजूद उन्होंने दोनों जगहों का नाम रोशन किया।
प्रेरणा की कहानी
गुलनाज फिरदौस की सफलता यह साबित करती है कि मेहनत, समर्पण और सही समर्थन से कोई भी बाधा पार की जा सकती है। उनकी कहानी न केवल अल्पसंख्यक समुदाय के लिए बल्कि हर उस लड़की के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों को सच करना चाहती है।