कभी लोन लेकर दुकान खोली थी, आज एक हजार करोड़ की कंपनी का मालिक बन गया। जो कभी फोटोस्टेट की दुकान थी, आज वह विशाल मेगा मार्ट है, जिसके देशभर में शोरूम खुले हैं। इसके मालिक का नाम है रामचंद्र अग्रवाल, जिनके समर्पण और मेहनत ने उन्हें करोड़ों का मालिक बना दिया। वह जन्म से ही दिव्यांग थे, लेकिन यह कभी भी कुछ बड़ा करने की उनकी प्रेरणा के आड़े नहीं आया। दिव्यांग होने के बावजूद उन्होंने एक हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की कंपनी खड़ करके उन लोगों और युवाओं के लिए मिसाल पेश की, जो कुछ कर गुजरने का जज्बा रखते हैं, लेकिन फोटोस्टेट की दुकान से करोड़पति बनने तक का सफर आसान भी नहीं था। आइस आपको सुनाते हैं रामचंद्र अग्रवाल की सफलता की कहानी.
फोटोस्टेट की दुकान से की थी शुरुआत
रामचन्द्र ने अपना जीवन एक छोटे से बिजनेस शुरू किया। 1986 में फोटोस्टेट की दुकान खोली। दूसरों से पैसे उधार लेकर उसमें लगाए। कुछ समय दुकान करने के बाद कोलकाता में कपड़े का एक छोटा-सा बिजनेस खोला, लेकिन वह संतुष्ट नहीं थे और कुछ बड़ा करना चाहते थे। इसलिए वह कोलकाता से दिल्ली आ गए। 2001-02 में अग्रवाल ने विशाल रिटेल मार्ट की नींव रखी। उन्होंने इस बिजनेस को धीरे-धीरे विशाल मेगा मार्ट में बदल दिया। कुछ समय बाद उनकी कंपनी शेयर बाज़ार का हिस्सा बन गई। हालांकि साल 2008 रामचन्द्र के लिए अच्छा साबित नहीं हुआ। शेयर बाजार में गिरावट के कारण उनकी कंपनी विशाल मेगा मार्ट पूरी तरह डूब गई। रामचंद्र कर्ज के तले दब गये। इसके चलते उन्हें अपनी कंपनी श्री राम ग्रुप को बेचनी पड़ी। श्री राम ग्रुप ने उनकी कंपनी की हिस्सेदारी खरीदी थी।
हालांकि उन्होंने अपनी कंपनी को बिकने से तो बचा लिया, लेकिन वह 2 हिस्सों में बंट गई। इसके बाद रामचन्द्र अपनी सूझबूझ से आगे बढ़े और एक बार फिर खुदरा बाजार में अपनी पहचान बनानी शुरू कर दी। आज उनकी कंपनी V2 रिटेल मार्केट भारत के सबसे तेजी से बढ़ते रिटेल बाजारों में से एक है।