बढ़ते अपराध पर आर-पार के मूड में विपक्ष, इंडिया गठबंधन के प्रतिरोध मार्च पर आगबबूला सत्ता पक्ष

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विपक्ष इन दिनों बिहार में अपराध को बड़ा मुद्दा बनाने में लगी है. मुकेश सहनी के पिता की निर्मम हत्या के बाद से सरकार को चौतरफा हमला झेलना पड़ रहा है. वहीं शनिवार को इंडिया गठबंधन की तरफ से सभी जिला मुख्यालयों में प्रतिरोध मार्च निकाला गया. वहीं इनकम टैक्स चौराहे पर प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए बैरिकेडिंग लगाई गई थी, जिसे तोड़ते हुए सभी आगे बढ़ गए. विपक्ष के प्रदर्शन को लेकर सत्ता पक्ष भी हमलावर है।

विपक्ष का प्रतिरोध मार्च, आगबबूला जेडीयू : विपक्षी दलों के प्रतिरोध मार्च पर जेडीयू ने विपक्षी नेताओं को जंगलराज की याद दिलाई. जेडीयू प्रवक्ता अंजुम आरा ने विपक्षी दलों के नेताओं पर राजनीतिक रोटी सेंकने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि जब इन लोगों का शासन था तो सत्ता संरक्षित अपराध हो रहे थे. 108 नरसंहार की गवाह बिहार की जनता है. आम महिला को कौन पूछे आईएएस अधिकारी की पत्नी भी यहां सुरक्षित नहीं थी. बड़े-बड़े अपराधियों की पंचायत सीएम आवास में लगती थी।

”बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में सुशासन की सरकार काम कर रही है. उनकी सरकार ने कभी अपराध से समझौता नहीं किया और यही उनके सरकार की यूएसपी भी है. आज ये लोग प्रतिकार मार्च निकाला रहे हैं. लेकिन बिहार की जनता ने 2005 से अब तक इनका प्रतिकार किया है.” – अंजुम आरा, जेडीयू प्रवक्ता

‘अपराधी अपराध छोड़े या फिर बिहार’ – बीजेपी : वहीं बीजेपी ने कहा कि, बिहार में कुछ दिनों से अपराधिक घटना कहीं-कहीं बढ़ी है. इसका एक कारण प्रशासनिक सुस्ती भी हो सकती है. बीजेपी प्रवक्ता कुंतल कृष्ण ने कहा कि बीजेपी और नीतीश कुमार की सरकार की पहली प्राथमिकता बिहार में सुशासन कायम रखना है. सरकार के एजेंडे में कानून का राज्य स्थापित करना और बिहार को अपराध एवं अपराधियों से मुक्त करना प्राथमिकता है।

‘बिहार में आपराधिक घटनाओं के बढ़ने के कई कारण हो सकते है, आरजेडी और कांग्रेस के नेताओं का अपराधियों को संरक्षण प्राप्त रहता है, यह सब को पता है. कानून व्यवस्था को लेकर जो बैठक बुलाई गई थी उसका यही कारण था, लेकिन अब अपराध और अपराधी बिहार में नजर नहीं आएंगे. अपराधियों को अब या तो अपराध छोड़ देना चाहिए या बिहार छोड़ना चाहिए. क्योंकि सब जानते हैं कि बिहार में ही ‘गया जी’ है जहां, पर सबका अंतिम संस्कार किया जाता है.” – कुंतल कृष्ण, बीजेपी प्रवक्ता

अपराध पर कल हुई थी समीक्षा बैठक : इससे पहले शुक्रवार को बिहार में कानून व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 1 अणे मार्ग स्थित ‘संकल्प’ उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए. इस दौरान मुख्यमंत्री ने आला अधिकारी को निर्देश देते हुए कहा कि विधि व्यवस्था सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. अपराध नियंत्रण में किसी प्रकार की कोताही न बरतें. गश्ती में किसी प्रकार की लापरवाही न हो।

CCC पर बिहार में सियासी घमासान : बिहार में बढ़ते अपराधिक घटनाओं पर वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय का कहना है कि नीतीश कुमार की सरकार की यूएसपी CCC यानी क्राइम, करप्शन और कम्युनलिज्म रही है. इससे नीतीश कुमार ने कभी समझौता नहीं किया. लेकिन पिछले कुछ दिनों में अपराधी घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है. लेकिन यदि घटना होती है तो पुलिस भी एक्शन में रहती है. मुकेश सहनी के पिता जीतन सहनी की हत्या के मामले में भी पुलिस एक्शन में दिखी है।

”नीतीश कुमार ने लॉ एंड ऑर्डर को लेकर के बैठक की और उन्होंने अधिकारियों को साफ कहा कि जांच में तेजी लाइये. हालांकि बिहार में बनने का अपराधी घटनाएं जमीन विवाद को लेकर होती है. जमीनी विवाद पर भी प्रशासन को ध्यान देने का निर्देश दिया गया है. इधर तेजस्वी यादव लगातार विपक्ष में रहकर सरकार को आइना दिखा रहे हैं. तेजस्वी यादव बिहार सरकार के खिलाफ क्राइम बुलेटिन निकाल रहे हैं.” – रवि उपाध्याय, वरिष्ठ पत्रकार

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