पटना। विधान परिषद की पहली पाली में स्मार्ट मीटर का मुद्दा उठा। राजद, वाम दल सहित विपक्षी सदस्यों ने स्मार्ट मीटर तेज चलने और ज्यादा बिल आने की बात कही। इसका जवाब देते हुए ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र यादव ने कहा कि विपक्षी लोग सिर्फ विरोध करने के लिए स्मार्ट मीटर का विरोध करते हैं। उन्होंने कहा कि इस वर्ष भी बिजली उपभोक्ताओं को अनुदान देने के लिए 15343 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं।
राजद एमएलसी कुमार नागेंद्र ने सबसे पहले इस मुद्दे को उठाया। उन्होंने कहा कि राज्य में वोल्टेज अप-डाउन होने की समस्या है। इस दौरान मीटर तेज भागता है, जिससे बिजली बिल ज्यादा है। इस पर ऊर्जा मंत्री ने कहा कि ऐसी स्टडी कहीं नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि बीपीएल परिवारों को सस्ती बिजली उपलब्ध कराने के लिए निर्धारित टैरिफ में से अधिकांश हिस्से पर अनुदान दिया जा रहा है। राज्य में बीपीएल श्रेणी के कुल लगभग 59 लाख उपभोक्ता हैं, जिसमें 10 लाख उपभोक्ताओं के द्वारा अपने परिसर में स्मार्ट मीटर लगाया गया है। उन्होंने कहा कि निर्धारित टैरिफ में से अधिकांश हिस्से 73.4 फीसदी पर सरकार की ओर से अनुदान दिया जा रहा है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में भी 15343 करोड़ रुपये अनुदान स्वीकृत किया गया है। इस श्रेणी के उपभोक्ताओं के लिए विनियामक आयोग द्वारा निर्धारित विद्युत दर रु० 7.42 प्रति यूनिट में सिर्फ 1.97 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली दी जा रही है। प्रीपेड मीटर का बैलेंस उपभोक्ता के 7 दिन के औसत खपत से कम होने पर एसएमएस के जरिए सूचना दी जाती है। बैलेंस शून्य होने पर ग्रामीण क्षेत्रों में पांचवें दिन, शहरी क्षेत्र में तीसरे दिन ही कार्य दिवस के दौरान ही बिजली काटी जाती है। उन्होंने कहा कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने से पहले उपभोक्ताओं को जागरूक किया जा रहा है।