पटनाः 18 एवं 19 दिसंबर को अर्थ एवं सांख्यिकी निदेशालय के सभागार भवन में कृषि सांख्यिकी से संबंधित रब्बी मौसम हेतु दो दिवसीय प्रशिक्षण- सह-कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का शुभारंभ योजना एवं विकास विभाग के प्रधान सचिव के सेंथिल कुमार द्वारा किया गया।
‘आंकड़ों की गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए’
प्रधान सचिव द्वारा कृषि सांख्यिकी से संबंधित कार्यों की समीक्षा की गई एवं अंतर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय स्तर पर वर्तमान समय में सांख्यिकी आंकड़ों की महत्ता के बारे में बताया गया तथा डाटा डिजिटाइजेशन और डाटा फॉर डेवलपमेंट के बारे में विशेष फोकस किया गया। उनके द्वारा इस तथ्य पर विशेष जोर दिया गया कि आंकड़ों को प्राप्त करते समय इसकी गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। इस अवसर पर डॉ विद्या नंद सिंह, निदेशक, अर्थ एवं सांख्यिकी निदेशालय द्वारा अपने उद्बोधन में बिहार में कृषि सांख्यिकी के आंकड़ों की महत्ता पर विशेष प्रकाश डाला गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में फसल कटनी प्रयोग, फसल सांख्यिकी सुधार, वर्षापात के आंकड़ों इत्यादि पर विस्तार से चर्चा की गई।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के दूसरे दिन बिहार मौसम सेवा केंद्र पटना के तकनीकी निदेशक सी एन प्रभु द्वारा मौसम पूर्वानुमान के क्षेत्र में बिहार में हुए उल्लेखनीय कार्यों के बारे में सभी प्रतिभागियों को बताया गया। उनके द्वारा बताया गया कि बिहार भारत में दूसरा ऐसा राज्य है जो अपना स्वतंत्र रूप से मौसम के संबंध में इतने बड़े पैमाने पर डाटा कलेक्शन का कार्य करता है एवं इनका पूर्वानुमान जारी करता है। साथ ही बिहार कोहरे के संबंध में पूर्वानुमान जारी करने वाला भारत का प्रथम राज्य है। इस संबंध में निदेशक महोदय द्वारा बिहार मौसम सेवा केंद्र के द्वारा जारी होने वाले पूर्वानुमानों के संबंध में जनता को और अधिक जागरूक करने की आवश्यकता पर बल दिया है, जिससे आमजन इन आंकड़ों का अधिक से अधिक लाभ ले सके। अर्थ एवं सांख्यिकी निदेशालय द्वारा सांख्यिकी कार्यों की प्रगति के संबंध में भी सभी जिलों की समीक्षा की गई एवं बेहतर कार्य हेतु सुझाव एवं निदेश दिए गए। अंत में संयुक्त निदेशक संजय कुमार सिंह द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ प्रशिक्षण कार्यक्रम की समाप्ति की गई।