पीएम मोदी ने आज बुधवार को उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में सेमीकॉन इंडिया- 2024 का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि हमारा सपना है कि दुनिया की हर डिवाइस में भारत निर्मित चिप लगी हो। भारत सेमीकंडटर पॉवरहाउस बनने के लिए हर जरूरी प्रयास करेगा।
पीएम माेदी ने इस अवसर पर यहां प्रदर्शित प्रदर्शनी का अवलोकन किया। 11 से 13 सितंबर तक चलने वाला यह तीन दिवसीय सम्मेलन भारत की सेमीकंडक्टर रणनीति और नीति का प्रदर्शन करेगा जो भारत को सेमीकंडक्टर के लिए एक वैश्विक केंद्र बनाने की परिकल्पना करता है।
वैश्विक स्तर पर इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर ‘मेड इन इंडिया’ का हो लोगो : पीएम मोदी
सेमीकंडटर पॉवरहाउस पर भारत की 3 डी शक्ति जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि वर्तमान सरकार सुधारवादी है। देश के पास एक बढ़ता विनिर्माण आधार है और देश का महत्वाकांक्षी बाजार तकनीकी रुझानों से अवगत है। पीएम ने कहा कि भारत में सेमीकंडक्टर विनिर्माण इकाइयाँ स्थापित करने के लिए सरकार 50 प्रतिशत सहायता प्रदान करती है। सरकारी हस्तक्षेप के कारण भारत पहले ही 1.5 ट्रिलियन रुपये से अधिक का निवेश आकर्षित कर चुका है। सेमीकॉन इंडिया 360-डिग्री दृष्टिकोण वाली एक ऐसी पहल है जो भारत में चिप्स के समग्र उत्पादन को बढ़ाएगी। हम चाहते हैं कि वैश्विक स्तर पर इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर ‘मेड इन इंडिया’ लोगो हो।
भारत की सेमीकंडक्टर रणनीति को आगे रखते हुए उन्होंने कहा कि हमारे लिए ये करोड़ों आकांक्षाओं की पूर्ति का साधन है। आज भारत चिप्स के सबसे बड़े उपभोक्ताओं में से एक है। यूपीआई, रुपे कार्ड, डिजीलॉकर और डिजीयात्रा जैसे विभिन्न डिजिटल प्लेटफॉर्म अब व्यक्ति के दैनिक जीवन का हिस्सा बन गए हैं। भारत में अब डेटा सेंटरों की मांग लगातार बढ़ती जा रही है। वैश्विक सेमीकंडक्टर उद्योग का नेतृत्व करने में भारत एक बड़ी भूमिका निभाने जा रहा है।
पीएम ने कहा कि डिजाइनिंग के क्षेत्र में भारत दुनिया में 20 प्रतिशत टैलेंट का योगदान करता है। इसका निरंतर विस्तार हो रहा है। हम 85 हजार तकनीशियन, इंजीनियर और आरएंडडी विशेषज्ञों की सेमीकंडक्टर वर्क फोर्स तैयार कर रहे हैं। सेमीकंडक्टर उद्योग और केवल एक दिशा में ऊर्जा प्रवाहित करने वाले डायोड के बीच संबंध पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का सेमीकंडक्टर उद्योग विशेष डायोड से सुसज्जित है जहां ऊर्जा दोनों दिशाओं में प्रवाहित होती है। उन्होंने बताया कि जहां उद्योग निवेश करते हैं और मूल्य बनाते हैं, वहीं दूसरी ओर सरकार स्थिर नीतियां और व्यापार करने में आसानी प्रदान करती है।