प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि भारत अपनी सीमा की एक ‘‘इंच” जमीन से भी समझौता नहीं कर सकता और लोगों को देश की रक्षा के लिए अपनी सेना की ताकत पर विश्वास है। मोदी ने सशस्त्र बल कर्मियों के साथ दिवाली मनाने की अपनी परंपरा को जारी रखा। उन्होंने गुजरात के कच्छ जिले में सर क्रीक में कहा कि भारत के शत्रु जब भारतीय सशस्त्र बलों की ओर देखते हैं तो उन्हें ‘‘अपने बुरे मंसूबों का अंत दिखाई देता है।” यह स्थल भारत-पाकिस्तान सीमा के नजदीक स्थित है।
मोदी ने सीमा सुरक्षा बल, सेना, नौसेना और वायुसेना के जवानों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘भारत के लोगों को लगता है कि उनका देश आपके कारण सुरक्षित है, दुनिया जब आपको देखती है, तो उसे भारत की ताकत दिखाई देती है और दुश्मन जब आपको देखता है, तो उसे बुरे मंसूबों का अंत दिखाई देता है। जब आप जोश में दहाड़ते हैं, तो आतंक के आका कांप जाते हैं।”
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘आज देश में एक ऐसी सरकार है जो देश की सीमा के एक इंच से भी समझौता नहीं कर सकती है।” उन्होंने कहा कि उनकी सरकार देश की रक्षा के लिए सेना के संकल्पों पर भरोसा करती है, दुश्मन की बातों पर नहीं।” इस सप्ताह के शुरू में भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख के डेमचोक और देपसांग मैदानों में गतिरोध वाले दो स्थलों से सैनिकों की वापसी पूरी कर ली थी। यह कदम दोनों देशों के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चार साल से अधिक समय से जारी गतिरोध को समाप्त करने के लिए हुए समझौते के बाद उठाया गया था।
इस बीच, प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि ‘‘हम सेना, नौसेना और वायुसेना को अलग-अलग इकाई के रूप में देखते हैं, लेकिन जब वे एकसाथ आएंगे तो उनकी ताकत कई गुना बढ़ जाएगी।” उन्होंने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे का विकास ‘‘सर्वोच्च प्राथमिकता” है। मोदी ने जवानों से कहा कि देश विकसित भारत के लक्ष्य की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है और ‘‘आप सभी इस सपने के रक्षक हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि कच्छ में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं और सीमा पर्यटन राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा एक ऐसा पहलू है जिस पर ज्यादा चर्चा नहीं होती।