‘हमारे भगवान ‘छोटे सरकार’ वापस आ रहे हैं’, बोले अनंत सिंह के समर्थक- ‘भोलेनाथ ने सपना पूरा कर दिया’

GridArt 20240814 154343836

बाहुबली अनंत सिंह को एक-47 मामले में कोर्ट ने बरी कर दिया है. पिछले 8 साल से अनंत सिंह जेल की सजा काट रहे थे. कोर्ट का फैसला आने के साथ ही अनंत सिंह के समर्थकों में खुशी का माहौल है. वहीं जदयू मंत्री जयंत राज ने अनंत सिंह की रिहाई के फैसले का स्वागत किया है. बता दें कि अनंत सिंह को एके-47 मामले में सबूत के अभाव में कोर्ट ने बरी कर दिया है।

अनंत सिंह की रिहाई से कार्यकर्ताओं में उत्साह: अनंत सिंह की विधायक पत्नी नीलम देवी के सरकारी आवास पर मौजूद कार्यकर्ताओं में जश्न का माहौल है. कार्यकर्ता खासे उत्साहित नजर आ रहे हैं. वहीं कार्यकर्ता सुरेश सिंह ने कहा कि सच की जीत होती है, यह बात हम लोग पहले से जानते थे. जानबूझकर उन्हें (अनंत सिंह) इस मामले में फंसाया गया था, लेकिन न्यायालय ने आज हमारे विधायक जी के साथ न्याय किया है।

“हमारे नेता के साथ न्याय हुआ है, इसीलिए हम लोग आज बहुत खुश हैं. आज हम लोग मिठाई बांट रहे हैं. क्षेत्र में भी जाकर लोगों का मुंह मीठा कराएंगे.”-सुरेश सिंह, कार्यकर्ता

‘हमारे भोलेनाथ आ रहे हैं’: वहीं समर्थक राजेश सिंह का कहना है कि सावन का महीना है. हम लोग लगातार भगवान भोलेनाथ की पूजा करते रहे हैं. हमारे भगवान भोलेनाथ हमारे विधायक जी अनंत सिंह हैं, तो आज हमारे भगवान भोलेनाथ वापस आ रहे हैं. काफी खुश हैं।

“हम लोगों ने एक दूसरे को मिठाई खिलाई है. बधाई भी दिए हैं. हमारे लिए अनंत सिंह हमारे भगवान भोलेनाथ हैं और भोलेनाथ आज वापस आ रहे हैं.”- राजेश सिंह, समर्थक

सबूत के अभाव में अनंत सिंह को रिहाई: छोटे सरकार के नाम से मशहूर बाहुबली अनंत सिंह 2016 से जेल में एक-47 मामले में बंद हैं. यह मामला खूब चर्चा में रहा. एके 47 मिलने के बाद अनंत सिंह को सिविल कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई थी. उसके खिलाफ अनंत सिंह पटना हाई कोर्ट गए थे और कोर्ट ने उन्हें बड़ी राहत दी है. पटना हाई कोर्ट ने सबूत के अभाव में उन्हें बरी कर दिया है।

ललन सिंह को जिताने पैरोल पर आए थे बाहर: लोकसभा चुनाव के दौरान अनंत सिंह पैरोल पर जेल से बाहर आए थे. जदयू के मुंगेर से उम्मीदवार ललन सिंह की मदद भी की थी. उस समय यह कहा गया कि ललन सिंह को जीताने के लिए ही अनंत सिंह को पैरोल पर बाहर निकाला गया है. मुंगेर में ललन सिंह की लड़ाई बाहुबली अशोक महतो की पत्नी अनीता देवी के साथ थी. ललन सिंह चुनाव जीते भी और उसमें बड़ी भूमिका अनंत सिंह की मानी गई।

क्या कहना है जदयू का?: बाहुबली अनंत सिंह के मामले में अब कोर्ट के फैसले के बाद जदयू नेता स्वागत कर रहे हैं. भवन निर्माण मंत्री जयंत राज का कहना है कि कोर्ट का फैसला है सबको स्वागत करना चाहिए. ऐसे कोर्ट के फैसले की विस्तृत जानकारी मिलने के बाद ही बेहतर ढंग से बोल पाएंगे।

“अभी आप लोगों के माध्यम से जानकारी मिली है. कोर्ट का फैसला है तो इसलिए इसका स्वागत होना चाहिए.”- जयंत राज, भवन निर्माण मंत्री, बिहार

दस साल की सजा के बाद गंवानी पड़ी थी विधायकी: एक-47 मामले में जब अनंत सिंह को 10 साल की जब सजा हुई थी तो सजा होने के बाद अनंत सिंह को अपनी विधायकी गंवानी पड़ी थी. हालांकि उपचुनाव में अनंत सिंह ने अपनी पत्नी नीलम देवी को चुनाव मैदान में उतारा था और चुनाव जीती भी थी. उस समय आनंद सिंह की नाराजगी नीतीश कुमार से जमकर हो गई थी और 2020 के विधानसभा चुनाव में अनंत सिंह तेजस्वी यादव का समर्थन किया था।

2025 से पहले रिहाई के क्या हैं मायने?: राजद के टिकट पर ही उनकी पत्नी नीलम देवी चुनाव लड़ी थीं और जीती थीं. लेकिन इस साल आरजेडी से मोह भंग हो गया और उनकी पत्नी नीलम देवी महागठबंधन छोड़ एनडीए पाले में आ गई थी. 2025 बिहार विधानसभा चुनाव से पहले अनंत सिंह की रिहाई के कई मायने लगाए जा रहे हैं।

Sumit ZaaDav: Hi, myself Sumit ZaaDav from vob. I love updating Web news, creating news reels and video. I have four years experience of digital media.
Recent Posts