राज्य में धान खरीद एक नवंबर से होनी है। इसके लिए किसानों का निबंधन पहले से ही जारी है। पैक्सों ने भी तैयारी कर ली है। हालांकि, लक्ष्य निर्धारित नहीं होने से खरीद प्रक्रिया शुरू होने में देरी की आशंका है।
खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने धान खरीद की तिथि और न्यूनतम समर्थन मूल्य संबंधी अधिसूचना जारी कर दी है। इसके अनुसार एक नवंबर से उत्तर बिहार के जिलों और 15 नवंबर से दक्षिण बिहार के जिलों में धान खरीद शुरू होनी है। इस बार धान खरीद के लिए किसानों और समितियों का पंजीकरण काफी पहले ही शुरू कर दिया गया था। समितियों के पंजीकरण का काम पूरा हो गया है। विभाग के बाद सभी जिलों की ओर से इन समितियों का लक्ष्य तय किया जाना है। लक्ष्य तय नहीं होने की स्थिति में इनकी तैयारी अधूरी है।
धान की खेती की बात करें तो इस वर्ष पिछले साल की तुलना में ज्यादा रकबे में खेती हुई है। इस वर्ष 35 लाख हेक्टेयर में धान रोपनी हुई है। इसलिए लक्ष्य ज्यादा भी रहने की संभावना है। हालांकि, पिछले वर्ष तय समय सीमा में 42.04 लाख मीट्रिक टन ही खरीद हो पाई थी। लक्ष्य 45 लाख मीट्रिक टन का रखा गया था। पिछले वर्ष 6966 समितियों के जरिए धान खरीद हुई थी।
धान की कटनी में देरी प्रमुख कारण
राज्य में इस बार मानसून की बेरुखी के चलते धान की खेती पिछड़ गई है। ज्यादातर जिलों में रोपनी देर से हुई थी। इस कारण भी लक्ष्य तय नहीं हो पा रहा है। खासकर दक्षिण बिहार के जिलों में ज्यादा देरी हुई थी। वहां धान की बालियां पकने में अभी समय है। इस कारण भी फसल कटनी का आकलन नहीं मिल पा रहा है।