जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया है। इस हमले में कोलकाता निवासी बितान अधिकारी की भी दर्दनाक मौत हो गई। आतंकियों ने उनकी पत्नी के सामने ही उन्हें गोली मार दी, क्योंकि वह कलमा नहीं पढ़ पाए।
झूठ बोलकर बचाने की कोशिश, लेकिन…
मिली जानकारी के अनुसार, 36 वर्षीय बितान अधिकारी अमेरिका में नौकरी करते थे और हाल ही में छुट्टियां मनाने के लिए कोलकाता लौटे थे। वे अपनी पत्नी सोहिनी और तीन साल के बेटे के साथ कश्मीर घूमने गए थे। हमले के वक्त बितान ने आतंकियों से अपनी जान बचाने के लिए खुद को मुसलमान बताया, लेकिन जब आतंकियों ने उन्हें कलमा पढ़ने को कहा और वे पढ़ नहीं पाए, तो मौके पर ही उन्हें गोली मार दी गई। उनकी पत्नी यह मंजर अपनी आँखों से देखती रही।
परिवार में पसरा मातम, पड़ोसी सदमे में
बितान के पड़ोसियों के अनुसार, वे 16 अप्रैल को कश्मीर रवाना हुए थे और 24 अप्रैल को लौटने वाले थे। उनके चचेरे भाई दीपक अधिकारी ने बताया कि बितान 8 अप्रैल को अमेरिका से लौटे थे। “वे चाहते थे कि मैं भी उनके साथ कश्मीर चलूं, लेकिन मैंने मना कर दिया। अब सोचता हूं काश मैं चला जाता,” दीपक ने रोते हुए कहा।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने की बात, शव लाने की प्रक्रिया शुरू
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बितान अधिकारी की पत्नी से फोन पर बात की और हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा:
“आज जम्मू-कश्मीर में पर्यटकों पर हुए विनाशकारी आतंकवादी हमले के पीड़ितों के परिवारों के प्रति मेरी संवेदना है। पीड़ितों में से एक बितान अधिकारी, पश्चिम बंगाल से हैं। मैंने उनकी पत्नी से बात की है। हमारी सरकार उनके पार्थिव शरीर को कोलकाता वापस लाने के लिए हर जरूरी कदम उठा रही है।”
राज्य के मंत्री अरूप बिस्वास भी अधिकारी परिवार से मिलने पहुंचे और उन्हें सांत्वना दी।
देशभर में आक्रोश और शोक
इस वीभत्स घटना को लेकर देशभर में आक्रोश और गहरा शोक है। एक युवा, जो अपने परिवार के साथ कुछ खुशहाल पल बिताने आया था, आतंक की भेंट चढ़ गया। यह घटना देश की आंतरिक सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को लेकर फिर से गंभीर सवाल खड़े करती है।