नई दिल्ली, 27 अप्रैल 2025: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान एक बार फिर अपने शर्मनाक रवैये के कारण आलोचनाओं के घेरे में आ गया है। इस हमले में 26 लोगों की जान गई, जिनमें अधिकतर पर्यटक थे। अब पाकिस्तान इस हमले की जांच के लिए रूस और चीन समेत पश्चिमी देशों से अंतरराष्ट्रीय जांच दल गठित करने की मांग कर रहा है।
पाकिस्तान का बचाव और अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग
पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने हाल ही में रूसी समाचार एजेंसी आरआईए नोवोस्ती को दिए एक इंटरव्यू में कहा,
“रूस, चीन या पश्चिमी देश इस संकट में सकारात्मक भूमिका निभा सकते हैं। एक अंतरराष्ट्रीय जांच दल का गठन कर यह पता लगाया जाना चाहिए कि भारत और प्रधानमंत्री मोदी सच बोल रहे हैं या नहीं।”
आसिफ ने यह भी दावा किया कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस हमले की अंतरराष्ट्रीय जांच कराने का प्रस्ताव रखा है।
आतंकवादी संगठन ने ली जिम्मेदारी
गौरतलब है कि प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) से जुड़े उसके छद्म संगठन ‘द रेसिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने पहलगाम आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस हमले के बाद कहा था कि,
“पहलगाम हमले के अपराधियों और षड्यंत्रकारियों को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।”
विश्लेषकों की प्रतिक्रिया
मॉस्को स्थित स्वतंत्र अमेरिकी विश्लेषक एंड्रयू कोरिबको ने पाकिस्तान के बयानों की आलोचना करते हुए कहा कि,
“पाकिस्तान न केवल भारत के आरोपों का खंडन कर रहा है, बल्कि उसके शीर्ष अधिकारी खुद को शर्मनाक दावों में भी उलझा रहे हैं।”
कोरिबको ने लिखा कि पाकिस्तानी उपप्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इसाक डार ने टिप्पणी की है कि हमले करने वाले लोग “स्वतंत्रता सेनानी” हो सकते हैं। उन्होंने कहा,
“पर्यटकों का नरसंहार आतंकवादी कृत्य है। इसे स्वतंत्रता संग्राम बताना न केवल आतंकवाद को जायज ठहराता है, बल्कि सच्चे स्वतंत्रता सेनानियों का भी अपमान करता है।”