Bihar

विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में पंचायतें महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं: राजीव रंजन सिंह

केंद्रीय मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने आज पटना, बिहार के ज्ञान भवन, सम्राट अशोक कन्वेंशन सेंटर में “सामाजिक रूप से न्यायसंगत और सामाजिक रूप से सुरक्षित पंचायतें” विषय पर तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का उद्घाटन किया। यह राष्ट्रीय कार्यशाला पंचायती राज मंत्रालय द्वारा बिहार सरकार के पंचायती राज विभाग के सहयोग से 10 सितंबर से 12 सितंबर, 2024 तक आयोजित की जा रही है। राष्ट्रीय कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में कई गणमान्य व्यक्तियों ने सहभागिता की, जिनमें केंद्रीय पंचायती राज राज्य मंत्री प्रो. एस.पी. सिंह बघेल, बिहार के उप मुख्यमंत्री श्री सम्राट चौधरी और श्री विजय कुमार सिन्हा, बिहार के पंचायती राज मंत्री श्री केदार प्रसाद गुप्ता, बिहार के ग्रामीण विकास मंत्री श्री श्रवण कुमार, सामाजिक कल्याण मंत्री श्री मदन साहनी, जल संसाधन मंत्री श्री विजय कुमार चौधरी, बिहार के मुख्य सचिव श्री अमृत लाल मीणा, पंचायती राज मंत्रालय के सचिव श्री विवेक भारद्वाज, बिहार के पंचायती राज विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री मिहिर कुमार सिंह और पंचायती राज मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री विकास आनंद शामिल थे।

कार्यशाला को संबोधित करते हुए, श्री राजीव रंजन सिंह ने बल देते हुए कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें संसाधन प्रदान करके, क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण पहलों को लागू करके, और विभिन्न डिजिटल हस्तक्षेपों को शुरू करके पंचायतों को सशक्त बना रही हैं। उन्होंने पंचायतों से आग्रह किया कि वे इन संसाधनों का कुशलतापूर्वक उपयोग करें, सेवा की भावना के साथ सरकारी योजनाओं को मिलाकर, सामाजिक रूप से न्यायसंगत और सामाजिक रूप से सुरक्षित पंचायतों के विजन को साकार करें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने 2047 तक विकसित भारत के लिए एक विजन स्थापित किया है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने में पंचायतें महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। पंचायती राज व्यवस्था लोकतंत्र की नींव है, और अगर नींव मजबूत है, तो लोकतंत्र की पूरी संरचना ऊँची खड़ी रहेगी।

श्री राजीव रंजन सिंह ने निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों से अपने गांवों के समावेशी और समग्र विकास की दिशा में काम करने का आह्वान किया, साथ ही यह सुनिश्चित करते हुए कि कोई भी पीछे न छूटे। उन्होंने कहा कि इससे न केवल ग्रामीण विकास में योगदान होगा बल्कि उनकी नेतृत्व क्षमताओं को भी बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने सभी पंचायत प्रतिनिधियों से ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान को जन आंदोलन के रूप में आगे बढ़ाने का आग्रह किया व प्रधानमंत्री के पर्यावरण संरक्षण को भावनात्मक अपील से जोड़ने के विजन को उजागर किया। “यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है कि हम पंचायत स्तर पर इस महत्वपूर्ण पहल की सफलता सुनिश्चित करें,” उन्होंने कहा।

केंद्रीय मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह ने मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के नेतृत्व और मार्गदर्शन में बिहार द्वारा किए गए विकास, उपलब्धियों और प्रगति की प्रशंसा करते हुए अपनी सराहना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास, पंचायती राज, पर्यावरण संरक्षण और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य किया गया है।

केंद्रीय पंचायती राज मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह ने पंचायती राज में निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों से पंचायती राज व्यवस्था में अपनी सक्रिय भागीदारी और जिम्मेदारी सुनिश्चित करने और जहां भी ‘सरपंच पति’ या ‘मुखिया पति’ (अपनी निर्वाचित पत्नियों की ओर से काम करने वाले पति) की प्रथा मौजूद है, उसे समाप्त करने के लिए अपने स्वंय के नेतृत्व पर जोर देने का आह्वान किया।

प्रो. एस. पी. सिंह बघेल ने अपने संबोधन में जोर दिया कि भारत 2030 तक अपने सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) को केवल ग्रामीण क्षेत्रों में जमीनी स्तर पर सामूहिक और समन्वित प्रयासों के माध्यम से ही प्राप्त कर सकता है। “हमें इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए ‘किसी को भी पीछे न छोड़ें’ की भावना के साथ काम करना चाहिए,” उन्होंने आगे कहा। उन्होंने पंचायती राज मंत्रियों के राज्यों के राष्ट्रीय सम्मेलन की आवश्यकता पर भी जोर दिया ताकि पंचायती राज से संबंधित सभी मुद्दों पर विचार-मंथन किया जा सके।

प्रो. बघेल ने पंचायत प्रतिनिधियों से अपने गांवों के स्कूलों का नियमित निरीक्षण करने और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए काम करने का आग्रह किया। भूजल स्तर में गिरावट और जलवायु परिवर्तन पर चिंता व्यक्त करते हुए, उन्होंने ग्राम पंचायतों को इन क्षेत्रों में सक्रिय कदम उठाने के लिए प्रोत्साहित किया।

बिहार के उप मुख्यमंत्री श्री सम्राट चौधरी ने बताया कि बिहार राज्य ‘स्मार्ट गांवों’ की अवधारणा पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत स्तर पर पंचायत सरकार भवन बनाए गए हैं, जिनमें डिजिटल लाइब्रेरी और बैंक जैसी सुविधाएं भी शामिल हैं, और राज्य सरकार का लक्ष्य सभी ग्राम पंचायतों में पंचायत सरकार भवन बनाना है। ग्रामीण क्षेत्रों में नागरिक सेवा वितरण तंत्र को सुव्यवस्थित करने के लिए पंचायती राज के अधिकारियों के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर अत्याधुनिक भौतिक बुनियादी ढांचा प्रदान करने के लिए अत्यधिक ध्यान दिया गया है।

बिहार के उप मुख्यमंत्री श्री विजय कुमार सिन्हा ने टिप्पणी की कि बिहार का पंचायती राज अधिनियम सबसे तार्किक और व्यावहारिक में से एक है, जिसमें हर स्तर पर पंचायती राज संस्थानों के लिए स्पष्ट रूप से परिभाषित भूमिकाएँ और जिम्मेदारियाँ हैं।

अपने संबोधन में, श्री विवेक भारद्वाज ने कहा कि बिहार, जहाँ भगवान बुद्ध के समय गणराज्य व्यवस्था की शुरुआत हुई और जहाँ सम्पूर्ण क्रांति का आह्वान किया गया, वह सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) के स्थानीयकरण के तहत सामाजिक न्याय और सामाजिक रूप से सुरक्षित पंचायत विषय पर विचार-मंथन के लिए आदर्श स्थान था। उन्होंने कहा कि बिहार के पंचायती राज में ग्राम कचहरी प्रणाली सभी राज्यों के लिए अनुकरणीय है। श्री भारद्वाज ने आशा व्यक्त की कि प्रतिभागी अन्य पंचायतों के अभिनव प्रथाओं से प्रेरणा लेंगे और उन्हें अपने क्षेत्रों में लागू करेंगे। केंद्रीय सचिव ने सभी प्रतिभागियों से कार्यशाला में पूरी तरह से जुड़ने, सीखने और विचारों को आत्मसात करने और उन्हें लागू करने का आग्रह किया।

बिहार के मुख्य सचिव श्री अमृत लाल मीणा ने प्रतिभागियों को राज्य के पंचायती राज व्यवस्था की अनूठी विशेषताओं के बारे में जानकारी दी।

कार्यशाला को बिहार के पंचायती राज मंत्री श्री केदार प्रसाद गुप्ता, ग्रामीण विकास मंत्री श्री श्रवण कुमार, सामाजिक कल्याण मंत्री श्री मदन साहनी और जल संसाधन मंत्री श्री विजय कुमार चौधरी ने भी संबोधित किया।

कार्यशाला के दूसरे सत्र में विशेष आमंत्रितों द्वारा रणनीतियों और अभिनव मॉडल के प्रदर्शन पर ध्यान केंद्रित किया गया, जिसकी अध्यक्षता श्री कुंतल सेन शर्मा, मुख्य आर्थिक सलाहकार, ग्रामीण विकास मंत्रालय ने की। तीसरे सत्र में, राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता और बीकन पंचायतों की सर्वोत्तम प्रथाओं पर लघु फिल्में दिखाई गईं, जिसकी अध्यक्षता श्री विकास आनंद ने की। प्रतिभागियों ने राष्ट्रीय कार्यशाला के दौरान सामूहिक चर्चा में भी भाग लिया, और शाम को बिहार की समृद्ध विरासत को प्रदर्शित करने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए।

देश भर से 900 से अधिक प्रतिभागियों ने राष्ट्रीय कार्यशाला में भाग लिया, जिसमें पंचायती राज संस्थानों के निर्वाचित प्रतिनिधि और अधिकारी, केंद्रीय मंत्रालयों, विभागों, राज्य सरकारों, एनआईआरडी एवं पीआर, एसआईआरडी एवं पीआर, पंचायती राज प्रशिक्षण संस्थानों, गैर सरकारी संगठनों और संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।


Discover more from Voice Of Bihar

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Kumar Aditya

Anything which intefares with my social life is no. More than ten years experience in web news blogging.

Discover more from Voice Of Bihar

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading

मत्स्य पालन और जलीय कृषि में ड्रोन प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग और प्रदर्शन पर कार्यशाला आयोजित बिहार में बाढ़ राहत के लिए भारतीय वायु सेना ने संभाली कमान बिहार के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करने रवाना हुए सीएम नीतीश पति की तारीफ सुन हसी नही रोक पाई पत्नी भागलपुर में खुला पटना का फैमस चिका लिट्टी स्पैम कॉल : दूरसंचार कंपनियों ने 50 संस्थाओं को बैन किया, 2.75 लाख कनेक्शन काटे भागलपुर : युवक का अवैध हथियार लहराते फोटो वायरल भागलपुर में पार्षद नंदिकेश ने तुड़वाया वर्षों से बंद पड़े शौचालय का ताला ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के तहत सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से स्कूल परिसर में किया पौधारोपण CM नीतीश कुमार पहुंचे रोहतास