बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा शिक्षक भर्ती परीक्षा के सफल अभ्यर्थियों को मेगा इवेंट के जरिए नीतीश सरकार ने नियुक्ति पत्र दे दिया है.इस बीच कई असफल छात्र और शिक्षक संगठन भर्ती मे गड़बड़ी का आरोप लगा रहे हैं और फर्जी प्रमाणपत्र के आधार पर नौकरी लेने की बात कह रहें है.इन अभ्यर्थियों के शिकायत सही भी पायी जा रही है और ऐसे अभ्यर्थियों के नियुक्तिपत्र को तत्काल रोक लगाते हुए शिक्षा विभाग नोटिस जारी कर रहा है.शिक्षा विभाग के इस कदम से फर्जीवाड़ा करके नियुक्तिपत्र लेने वाले अभ्यर्थियों में हड़कंप मचा हुआ है।
मिली जानकारी के अऩुसार मुजफ्फरपुर और पश्चिम चंपारण जिले में शिक्षा विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है.मुजफ्फरपुर में 100 सफल शिक्षकों के नियुक्ति पर तत्काल रोक लगाई गई है जबकि पश्चिम चंपारण में 30 शिक्षकों की नियुक्ति पर रोक लगी है.मुजफ्फरपुर जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा 100 नवनियुक्त शिक्षकों की सूची जारी की गयी है और इसमें लिखा गया है कि अध्यापक नियुक्ति पीक्षा 2023 के प्रमाण पत्र सत्यापन के क्रम में प्रथम दृष्टया संदेहास्पद प्रमाण पत्र वाले अभ्यर्थियों की औपबंधिक नियुक्ति पत्र रोकी गयी है.वहीं पश्चिम चंपारण में 30 नव नियुक्ति शिक्षकों की सूची जारी की गयी है।
इस सूची के साथ ही ये जानकारी दी गयी है कि प्रमाणपत्र सत्यापन के क्रम में त्रुटि रहने के कारण काउंसलिग पत्र रद्द कर दिया गया है.अगर उक्त सूची के अभ्यर्थियों को किसी तरह की आपत्ति है तो वे 5 नवंबर तक कार्यालय आकर अपनी आपत्ति दर्ज करा सकते हैं।