जन अधिकार पार्टी के सुप्रीमो व पूर्व सांसद पप्पू यादव सभी जिलों में घूमते रहते हैं और जरूरतमंदों के बीच पैसा बांटते रहते हैं. इस बीच पप्पू यादव ने बताया है कि वह अब तक लोगों के बीच कितना पैसा बांट चुके हैं. जाप सुप्रीमो पप्पू यादव ने बताया कि वे हर रोज कम से कम एक लाख रूपये लोगों के बीच बांटते हैं. पप्पू यादव का दावा है कि वे जब से राजनीति में हैं तब से लेकर आज तक करीब 300 करोड़ रूपये लोगों के बीच बांट दिया या उड़ा दिया।
पटना में जन अधिकार पार्टी के कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पप्पू यादव ने कहा कि मैं राजनीति करने के लिए यह काम नहीं करता बल्कि भाई की भूमिका निभाते हुए सेवा के लिए यह काम करता हूं. उस समय यह भी नहीं सोचता कि उस व्यक्ति से मुझे वोट मिलेगा या नहीं. मैं बिहार के पीड़ित लोगों की सहायता करता हूं और आगे भी करता रहूंगा।
पप्पू यादव ने कहा कि वे 1983 से राजनीति कर रहे हैं. 1983 में वे पहली दफे खुर्दा पंचायत के मुखिया बने थे. उस वक्त से लेकर आज तक लोगों के बीच पैसा बांटते आ रहे हैं. पप्पू यादव ने कहा कि प्रतिदिन कम से कम एक लाख रूपया लोगों के बीच बांटता हूं. कई दिन ये राशि बढ़ भी जाती है. वहीं पप्पू यादव ने कहा कि मैं खुर्दा पंचायत का मुखिया बना उसके बाद 40 साल का समय बीत गया इस बीच प्रतिदिन मैंने अगर एक लाख रूपये ही बांटे होंगे तो अब तक 280 करोड़ से ज्यादा लोगों की सेवा में दे दिया।
पप्पू यादव ने यह भी कहा कि सामने चुनाव है और चुनाव में भी मुझे पैसा बांटना पड़े इसकी नौबत नहीं आएगी. कुछ लोग कहते हैं कि चुनाव लड़ने में 4 करोड़ रुपए खर्च होंगे तब जीत होगी. अगर जीतने के लिए इतना खर्च पड़ेगा तो चंदा ही मांगना पड़ेगा. जिन लोगों के लिए मैं काम करता हूं उन्हें चंदा देना पड़ेगा. मैं इतना नासमझ नहीं कि चुनाव में पैसा बांटने की जरूरत पड़ जाए।
पप्पू यादव ने अपने विरोधियों पर तंज कसा उन्होंने कहा कि कुछ लोग चिंता करते हैं कि पप्पू यादव कौन सा टेबलेट खाता है कि सोता नहीं है और दिन रात दौड़ता रहता है. उन्हें यह समझ जाना चाहिए कि पप्पू यादव को जनता से ताकत मिलती है. लोगों से मिलकर ऊर्जा मिल जाती है. बताते चलें कि जाप प्रमुख पप्पू यादव ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत मधेपुरा से की थी. पप्पू यादव 5 बार लोकसभा सांसद और विधायक रह चुके हैं. उन्होंने अपना राजनीतिक सफर निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर शुरू किया और सपा और राजद में रहने के बाद साल 2015 में उन्होंने अपनी जन अधिकार पार्टी बना ली।