पेरिस ओलंपिक्स में हिस्सा लेने गईं भारतीय गोल्फर दीक्षा डागर के एक्सीडेंट की खबर सामने आई है। वह परिवार के साथ कार में थीं। उनके पिता और कैडी कर्नल नरेन डागर, उनकी मां और भाई सभी कार में सवार थे। उनकी गाड़ी को मंगलवार रात एक अन्य वाहन ने टक्कर मार दी। उनकी मां को रीढ़ की हड्डी में चोट लगने की आशंका है। उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अस्पताल में भर्ती हैं। जबकि भाई को मामूली चोट आई हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, दीक्षा डागर ठीक हैं और उनके ओलंपिक में हिस्सा लेने की उम्मीद है।
7 अगस्त को है मुकाबला
दीक्षा अपने परिवार के साथ इंडिया हाउस में एक समारोह से लौट रही थीं। उनके पिता कर्नल डागर का कहना है कि फिलहाल दीक्षा ठीक हैं। उनका 7 अगस्त को मुकाबला है। वह प्रैक्टिस में भी हिस्सा लेंगी। दीक्षा दूसरी बार ओलंपिक्स में हिस्सा लेने जा रही हैं।
इस तरह हुआ एक्सीडेंट
उनकी मां के कुछ दिनों तक अस्पताल में रहने की संभावना है। उनकी स्थिति के बारे में बाद में पता चलेगा। ये एक्सीडेंट कैसे हुआ, इसके बारे में भी जानकारी सामने आई है। पता चला है कि उनकी कार रोड क्रॉस कर रही थी, तभी रेड लाइट जल गई। एक सूत्र ने कहा- एक एंबुलेंस के दूसरी तरफ खड़ी दूसरी कार दीक्षा के ड्राइवर को दिखाई नहीं दी। उसने उसे साइड से टक्कर मार दी।
कौन हैं दीक्षा डागर?
दीक्षा डागर की उम्र 24 साल है। वह प्रोफेशनल गोल्फर हैं। वह सुन पाने में अक्षम हैं। दीक्षा ने 2017 डेफलिंपिक्स में हिस्सा लिया था। जहां उन्होंने विमेंस इंडिविजुअल इवेंट में सिल्वर मेड जीता था। वह 2019 में अदिति अशोक के बाद लेडीज यूरोपियन टूर पर जीत हासिल करने वाली केवल दूसरी भारतीय महिला गोल्फर बन गईं। इसके साथ ही उन्होंने अपने नाम एक अनोखा रिकॉंर्ड दर्ज किया। वह 18 साल की उम्र में ऐसा करने वाली सबसे कम उम्र की भारतीय महिला बनीं।
दो ओलंपिक में हिस्सा लेने वाली पहली गोल्फर
वह इतिहास की पहली गोल्फर भी हैं, जिन्होंने ओलंपिक और डेफलिंपिक्स दोनों में हिस्सा लिया है। उन्हें इससे पहले जुलाई 2021 में साउथ अफ्रीका के गोल्फर पाउला रेटो के टूर्नामेंट से हटने के बाद 2020 समर ओलंपिक में महिलाओं की व्यक्तिगत स्पर्धा में हिस्सा लेने के लिए अंतर्राष्ट्रीय गोल्फ महासंघ से इन्वाइट मिला था।