13 दिसंबर को संसद की सुरक्षा में हुई चूक को लेकर गुरुवार को संसद की दोनों ही सदनों में जोरदार हंगामा हुआ। सुरक्षा में चूक को मुद्दा बनाकर विपक्ष सरकार को घेरने की कोशिश कर रहा था। सांसदों को बार बार मना करने के बाद जब वे शांत नहीं हुए तो संसद की दोनों ही सदनों के 15 सांसदों को बाकी बचे शीतकालीन सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया।
दरअसल, 13 दिसंबर को लोकसभा में सदन की कार्यवाही के बीच सुरक्षा में बड़ी चूक हुई थी। दो संदिग्ध दर्शक दीर्घा से कूचकर सांसदों के बीच पहुंच गए थे और पीले रंग का धूआं फैला दिया था। जिसके बाद सदन के अंदर अफरा-तफरी मच गई थी। गुरुवार को जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई विपक्ष के सदस्य सुरक्षा में चूक को मुद्दा बनाकर हंगामा करने लगे। सबसे पहले राज्यसभा में टीएमसी सांसद के निलंबन की कार्रवाई हुई। इसके बाद दोनों ही सदनों की कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया।
भोजनावकाश के बाद जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई विपक्षी सदस्य हंगामा करने लगे। लोकसभा स्पीकर के बार-बार रोकने के बावजूद विपक्षी सदस्य मानने को तैयार नहीं थे। जिसके बाद स्पीकर ने बड़ा एक्शन लेते हुए और 14 सासंदों को बाकी बचे सत्र के लिए निलंबित कर दिया। सभी 15 सांसदों पर सदन की कार्यवाही बाधित करने को लेकर निलंबन की कार्रवाई हुई है। स्पीकर की इस कार्रवाई से विपक्षी सांसदों में गहरा रोष है।
निलंबित किए गए सांसदों में टी एन प्रतापन, हिबी इडेन, जोतिमणि, रम्या हरिदास, डीन कुरियाकोस, बेनी बेहनन (कांग्रेस), मोहम्मद जावेद (कांग्रेस), पी आर नटराजन (सीपीआईएम), कनिमोझी (डीएमके), वीके श्रीकंदन (कांग्रेस), के सुब्रमण्यम, एसआर पार्थिबन (डीएमके), एस वेंकटेशन (सीपीआईएम) और मनिकम टैगोर (कांग्रेस) और राज्यसभा के टीएमसी सांसद डेरेक ओब्रायन शामिल हैं।