‘देश में कुकुरमुत्ते की तरह पार्टी आती है और जाती है’

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प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी का गठन हो गया। मगर, बिहार के डिप्टी सीएम और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ने इसे ‘कुकुरमत्ता’ करार दिया। उन्होंने कहा कि बिहार में ऐसी बहुत-सी पार्टियां देखी गई है। ये इंडिया गठबंधन की बी टीम है। विपक्षी हमले के बीच पीके ने कहा कि पार्टी को चुनाव आयोग की तरफ से मंजूरी भी मिल गई है। पटना के वेटनरी कॉलेज ग्राउंड में बड़ी भीड़ के सामने पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष के नाम का भी पीके ने ऐलान किया। प्रशांत किशोर ने घोषणा की है कि मनोज भारती ‘जन सुराज पार्टी’ के कार्यकारी अध्यक्ष होंगे। इसके साथ ही प्रशांत किशोर ने ऐलान किया कि जन सुराज पहला ऐसा दल होगा, जिसमें उम्मीदवारों का चुनाव दल के द्वारा नहीं जनता के द्वारा किया जाएगा।

प्रशांत की पार्टी को सम्राट ने ‘कुकुरमुत्ता’ कहा

बांका में एक कार्यक्रम में शामिल होने गए डिप्टी सीएम प्रशांत किशोर से पत्रकारों ने प्रशांत किशोर की पार्टी के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, ‘इस देश में कुकुरमुत्ते की तरह पार्टी आती है और जाती है। ये इकोनॉमिकल पार्टी है, पैसा लेकर आई है। बक्सा खोलकर चाहता है कि बिहार की जानता को खरीद लेंगे तो एकदम गलतफहमी में मत रहिए। बिहार जनता ने कई पार्टियों को देखा है। ये एक तरह से इंडी गठबंधन की बी टीम है। ये स्पष्ट झलकता है।’
मशरूम को भारत में ‘कुकुरमुत्ता’ भी कहा जाता है। कुकुरमुत्ता दो शब्दों कुकुर (कुत्ता) और मुत्ता (मूत्रत्याग) के मेल से बना है। यानि ये कुत्तों के मूत्रत्याग के परिणामस्वरूप उत्पन्न होता है। ऐसी मान्यता भारत के कुछ इलाकों में प्रचलित है, किन्तु ये बिलकुल गलत धारणा है। कुकुरमुत्ता (मशरूम) बरसात के दिनों में सड़े-गले कार्बनिक पदार्थ पर अनायास ही दिखने लगता है। मशरूम को फुंगी (Fungi) भी कहते है क्योंकि इनमें कोई क्लोरोफिल नहीं होती। चूंकि, ये बरसात में ही दिखता है, बाकी मौसम में नहीं दिखता है इसलिए चुनावी माहौल में प्रशांत की पार्टी लॉन्च को सम्राट चौधरी ने कुकुरमुत्ता कह डाला।

जन सुराज पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष बने मनोज भारती

हालांकि, प्रशांत किशोर अपनी पार्टी को लेकर काफी आशान्वित दिखे। पटना के वेटनरी कॉलेज ग्राउंड में सभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘मनोज कुमार भारती हमारी पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष होंगे, जो मुझसे भी काबिल शख्स हैं। मनोज भारती ने आईआईटी से पढ़ाई की और वह आईएफएस अधिकारी भी रहे हैं। वो चार देशों में भारत के राजदूत रहे और बिहार का गौरव बढ़ाने का काम किया। बेलारूस, यूक्रेन जैसे देशों में राजदूत बनकर उन्होंने सेवाएं दी हैं।’

प्रशांत किशोर ने कहा, ‘मुझसे पूछा गया कि कहां से अच्छे लोग लाएंगे, मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि मैंने मनोज भारती को इसलिए नहीं चुना है कि वह दलित समाज से आते हैं, बल्कि उनको चुनने के पीछे की वजह यह है कि वह काबिल हैं। और ये तो शुरुआत है अभी आगे-आगे, देखिए कैसे-कैसे काबिल चेहरे को आगे लाते हैं।

प्रशांत की पार्टी से क्यों चिढ़ीं हैं पारंपरिक पार्टियां?

प्रशांत किशोर ने ऐलान करते हुए कहा कि उनकी पार्टी बिहार में होने वाले उपचुनाव में भी उतरेगी। उन्होंने कहा, ‘अगर आप चाहें तो 2025 तक का इंतजार करना नहीं होगा, क्योंकि नवंबर में होने वाले उपचुनाव में हमारी पार्टी उतरेगी। नवंबर में चार उपचुनाव हैं और बड़े-बड़े दल के महारथी इसमें हिस्सा लेंगे, लेकिन हम उन्हें उपचुनाव में हरा देंगे।’

दरअसल, बिहार में प्रशांत किशोर की पार्टी लॉन्च करने से पारंपरिक पार्टियों में बेचैनी है। भारतीय जनता पार्टी पीके को इंडी गठबंधन की बी टीम बताती है तो लालू यादव और उनके बेटे तेजस्वी यादव प्रशांत किशोर को बीजेपी की बी टीम बताते रहते हैं। जबकि, जेडीयू के नेता प्रशांत किशोर के बारे में कुछ भी बोलने से परहेज करते हैं।