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जदयू सांसद देवेश चंद्र ठाकुर के बयान पर भड़के पार्टी के मुस्लिम नेता, अशफाक करीम ने ‘माफी मांगने’ की दी सलाह

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सीतामढ़ी के नवनिर्वाचित सांसद देवेश चंद्र ठाकुर द्वारा मुस्लिम और यादव मतदाताओं को लेकर दिए गए बयान के बाद अब उनकी पार्टी में ही विरोध के स्वर उठने लगे हैं. पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा के पूर्व एमपी अशफाक करीम ने ठाकुर के बयान का विरोध किया है. बुधवार को पटना में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि, मैं ऐसी कोई बात नहीं कहना चाहता है जिससे देवेश चंद्र ठाकुर को कोई कष्ट पहुंचे, लेकिन मुसलमान को तकलीफ पहुंची है. उनको माफी मांगनी चाहिए. करीम ने कहा कि इस तरह के बयान से नुकसान होगा. नीतीश कुमार जो चाहते हैं वह पूरा नहीं हो पाएगा।

“सबको सबका वोट नहीं मिलता है. जिसे ज्यादा वोट मिलता है, वही जीत हासिल करता है. जो जीत हासिल करता है, वह सबका एमपी होता है. चुनाव में हमने अपने साथियों के साथ बड़ी संख्या में मुसलमानों के लिए काम किया. सीएम नीतीश कुमार ने हर जात, बिरादरी के लिए काम किया है. उनके रास्ते पर ही सबको चलना चाहिए.”- अशफाक करीम, जदयू नेता

बयान उचित नहींः अशफाक करीम ने कहा कि देवेश चंद्र ठाकुर को 20-22 प्रतिशत मुसलमानों का वोट मिला है. यह वोट केवल नीतीश कुमार के कार्यों की वजह से मिलेगा. अशफाक करीम ने कहा कि बिहार विधानसभा का चुनाव आने वाला है और ऐसे माहौल में अगर इस तरह का बयान वह दे रहे हैं तो निश्चित तौर पर जनता दल यूनाइटेड को बहुत बड़ा घाटा हो सकता है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार समाज के सभी वर्गों के लिए काम करते रहे हैं और समाज के सभी वर्ग ने भी उनके साथ दिया है. इसलिए इस तरह का बयान उचित नहीं है।

क्या कहा था देवेश चंद्र ठाकुर नेः सीतामढ़ी देवेश चंद्र ठाकुर ने कहा था कि “मैं पिछले 22 साल से राजनीति में सक्रिय हूं. इस दौरान मैंने सबके लिए काम किया. मुस्लिम और यादवों के लिए सबसे अधिक काम किया, लेकिन अब मैं उनका कोई काम नहीं करूंगा. अपना काम लेकर अगर वे आते हैं तो उनका स्वागत है. चाय नाश्ता कराऊंगा लेकिन उनका काम नहीं करूंगा.” दरअसल वे जीत का मार्जिन कम होने से नाराज थे. उन्हें लग रहा है कि यादव और मुसलमानों ने वोट नहीं किया. देवेश चंद्र ठाकुर को 51356 वोट के अंतर से जीत मिली है।