बिहार के अस्पतालों में भर्ती मरीज अब खादी के वस्त्रत्त् पहनेंगे, जीविका दीदी बनाएंगी वस्त्र

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बिहार के अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों को खादी के वस्त्रत्त् दिए जाएंगे। वस्त्रत्त् का रंग हरा या ब्लू हो सकता है। मरीज जीविका दीदियों के बनाए वस्त्रत्त् पहनेंगे। कैबिनेट में लिए गए निर्णय के आलोक में जीविका और बिहार मेडिकल सर्विसेज इन्फ्रास्ट्रक्चर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीएमएसआईसीएल) के बीच समझौता पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर हुआ है।

एमओयू पर हस्ताक्षर के बाद बीएमएसआईसीएल की ओर से अब विधिवत वस्त्रत्तें की मांग (वर्क ऑर्डर) की जाएगी। इसके बाद जीविका दीदी की ओर से मरीजों को वस्त्रत्त् दिया जाने लगेगा। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार अनुमंडल (रेफरल) अस्पताल, जिला (सदर) अस्पताल और मेडिकल कॉलेजों में मरीज भर्ती होते हैं। इन अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों को अभी बाहरी एजेंसियों द्वारा वस्त्रत्त् दिया जा रहा है। वहीं, कोईलवर मानसिक आरोग्यशाला में जीविका दीदियों द्वारा बनाए वस्त्रत्त् मरीजों को दिए जा रहे हैं।

विभाग का यह प्रयोग सफल रहा है। इसमें किसी तरह की कोई शिकायत भी नहीं मिल रही है। इसलिए अब तय किया गया है कि राज्य के अन्य अस्पतालों में भी भर्ती मरीजों को जीविका दीदी के सिले कपड़े ही दिए जाएं। एक आकलन के अनुसार अस्पतालों में सालाना डेढ़ लाख मरीज भर्ती होते हैं। इसी अनुपात में बीएमएसआईसीएल जीविका से कपड़ों की मांग करेगा।

जीविका के तहत अभी राज्य के 17 स्थानों पर कपड़ा बनाने का काम चल रहा है। पटना, मुंगेर, गोरौल, कैमूर, बेगूसराय आदि इलाके में यह केंद्र संचालित हैं। इसमें जीविका समूह से जुड़ी लगभग चार हजार दीदी काम कर रही हैं। इस समूह को जहां से भी कपड़े की मांग हो रही है, वह आपूर्ति की जा रही हैं।

एक कपड़े के लिए जीविका को मिलेंगे 950 रुपए

जीविका दीदियों को एक मरीज का कपड़ा देने के एवज में 950 रुपए दिए जाएंगे। करार के अनुसार मरीजों को खादी के वस्त्रत्त् दिए जाएंगे। वस्त्रत्त् के रंग का चयन अभी नहीं हुआ है। अधिकतर संभावना है कि मरीजों को ब्लू या हरे रंग का वस्त्रत्त् दिया जाए। बीएमएसआईसीएल की ओर से रंग चयन करने के बाद ही जीविका दीदी वस्त्रत्तें की आपूर्ति करेंगी। मरीजों को नए कपड़ा देने के बाद उसकी धुलाई भी करानी होगी। बीएमएसआईसीएल और जीविका के बीच इसके लिए निकट भविष्य में अलग से करार होगा।

Rajkumar Raju: 5 years of news editing experience in VOB.