शिक्षकों और बच्चों की सुरक्षा को लेकर पटना DM ने लिया बड़ा फैसला, बाढ़ग्रस्त इलाकों के 76 स्कूलों को बंद करने का आदेश

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पटना स्थित गंगा नदी में जलस्तर बढ़ने से कई इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया है। जहां के स्कूलों में भी पानी भर गया है। इसके बावजूद शिक्षक बच्चों को पढ़ाने के लिए स्कूल नाव से जाते थे। लेकिन दानापुर में एक शिक्षक की गंगा नदी में डूबने से मौत के बाद शिक्षक काफी खौफ में हैं और बिना लाइफ जैकेट के सरकारी नाव पर चढ़ने से परहेज कर रहे हैं।

शिक्षकों और बच्चों की समस्या को देखते हुए पटना डीएम ने पटना जिले के बाढ़ग्रस्त इलाकों में चल रहे 76 स्कूलों में पठन पाठन फिलहाल बंद कर दिया है। बताया जाता है कि शनिवार तक इन स्कूलों को बंद किया गया है। बाढ़, बख्तियारपुर, दानापुर,मनेर, फतुहा, मोकामा व पटना सदर के कई स्कूलों को बाढ़ के कारण बंद किया गया है।

बता दें कि पटना के दानापुर में 23 अगस्त को दो नावों की टक्कर के बाद BPSC शिक्षक 25 वर्षीय अविनाश कुमार की गंगा नदी में डूबने से मौत हो गयी थी। पानी के तेज बहाव में वो बह गये लेकिन अभी तक लाश का कोई अता-पता नहीं चल सका। घटना दानापुर थाना क्षेत्र के फक्कड़ महतो घाट की थी। 23 अगस्त दिन शुक्रवार की सुबह 8 बजे अविनाश अन्य शिक्षकों के साथ स्कूल जा रहे थे तभी यह घटना हुई थी। इस घटना के बाद लाश की तलाश में एसडीआरएफ और स्थानीय गोताखोर लगातार लगे रहे लेकिन कोई अता पता नहीं चल सका। इस घटना के बाद नाव से नदी पार कर स्कूल जाने वाले शिक्षक काफी डरे हुए हैं।

वही शिक्षक की मौत के बाद सरकार की नींद खुली और आनन-फानन में यह फैसला लिया गया कि बाढ़ग्रस्त इलाके में तैनात शिक्षकों के आवागमन के लिए घाटों पर सरकारी नाव की व्यवस्था की जाएगी। हरेक नाव पर Life Jacket पर्याप्त संख्या में उपलब्ध रहेगा। वही गोताखोर की भी तैनाती की जाएगी। शिक्षा विभाग ने तमाम डीएम को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया था। जिसके बाद दानापुर के नासरीगंज स्थित गंगा घाट पर बीपीएससी शिक्षकों के लिए विशेष नाव की व्यवस्था तो की गई लेकिन लाइफ जैकेट गायब था। जिसके कारण शिक्षकों ने नाव पर चढ़ने से मना कर दिया। गंगा घाट पर स्पेशल नाव खड़ी थी लेकिन लाइफ जैकेट नहीं रहने के कारण बीपीएससी शिक्षकों ने नाव पर चढ़ने से मना कर दिया।

दानापुर में एक शिक्षक की गंगा नदी में डूबने से मौत से गुस्साएं शिक्षकों ने यह फैसला लिया। कहा कि घाट पर नाव की व्यवस्था तो कर दी गयी है लेकिन लाइफ जैकेट मुहैया नहीं कराया गया है। गंगा का जलस्तर काफी बढा हुआ है। जिसके कारण तेज लहर और उफान देखा जा रहा है। ऐसे में नाव पर चढ़ना खतरे से खाली नहीं है। जब तक लाइफ जैकेट की व्यवस्था नहीं की जाएगी वो नाव से यात्रा नहीं करेंगे। अपनी जान जोखिम में नहीं डालेंगे। जान है तो जहान है। शिक्षकों के इस विरोध के बाद शिक्षा विभाग ने बाढ़ग्रस्त इलाकों के स्कूल को बंद करने का आदेश दे दिया।

शिक्षकों का कहना है कि बाढ़ग्रस्त इलाके के स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने के लिए गंगा घाट पर 12 सरकारी नाव की व्यवस्था की गयी है लेकिन 25 लाइफ जैकेट ही उपलब्ध कराया गया है। शिक्षकों की संख्या सैकड़ों में है जबकि लाइफ जैकेट बहुत कम संख्या में हैं ऐसे में बिना लाइफ जैकेट के कोई नाव पर चढ़ना नहीं चाह रहे हैं। एक सुर में शिक्षकों ने कह दिया है कि बिना लाइफ जैकेट के वो नाव पर नहीं चढ़ेंगे और अपनी जान खतरे में नहीं डालेंगे। शिक्षा विभाग ने सभी डीएम को नाव और लाइफ जैकेट का प्रबंध कराए जाने का निर्देश दिया था लेकिन ऐसा नहीं दिख रहा है। जिसे लेकर शिक्षकों में खासा आक्रोश देखने को मिल रहा है। वही शिक्षा विभाग ने गंगा बढ़े जलस्तर को देखते हुए दियारा इलाके के तमाम स्कूलों को शनिवार तक बंद रखने का आदेश दिया है।

बता दें कि पटना में 23 अगस्त को दो नावों की टक्कर के बाद BPSC शिक्षक 25 वर्षीय अविनाश कुमार की गंगा नदी में डूबने से मौत हो गयी। पानी के तेज बहाव में वो बह गये लेकिन अभी तक लाश का कोई अता-पता नहीं चल सका। अविनाश ने पहले बाइक को नाव पर चढ़ाया फिर खुद नाव पर चढ़ने लगे। इसी दौरान पीछे से आ रही दूसरी नाव ने टक्कर मार दी। जिसके कारण अविनाश गंगा नदी में गिर गये। उन्हें तैरना नहीं आता था जिसके कारण वो नदी के तेज बहाव में बह गये।  एसडीआरएफ और स्थानीय गोताखोर ने लगातार खोजबीन की लेकिन कोई अता-पता नहीं चल सका।