पिछले दो जनवरी से पटना के गांधी मैदान में आमरण अनशन पर बैठे प्रशांत किशोर को आखिरकार पुलिस ने 6 जनवरी की सुबह अरेस्ट कर लिया। गिरफ्तारी के बाद फतुहा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पीके का हेल्थ चेकअप कराया गया है। इसके बाद पुलिस प्रशांत किशोर को सिविल कोर्ट में पेश करेगी। इसी बीच पीके की गिरफ्तारी पर पटना डीएम का जवाब आया है। डीएम ने पीके को सख्त हिदायत दी है।
प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी पर पटना डीएम चंद्रशेखर सिंह ने कहा है कि पटना हाई कोर्ट द्वारा धरना के लिए जो स्थल गर्दनीबाग चिन्हित किया गया है, वहां जाकर धरना देने के लिए प्रशांत किशोर को कहा गया था और उन्हें इसके लिए नोटिस भी जारी किया गया था। जब उन्होंने बात नहीं मानी तो पुलिस ने उनके खिलाफ गांधी मैदान थाना में केस भी दर्ज किया था। विभिन्न माध्यमों से कई बार प्रशांत किशोर से जिला प्रशासन ने आग्रह किया कि गर्दनीबाग धरना स्थल पर जाकर अपना आंदोलन करें लेकिन वह नहीं मानें।
डीएम ने कहा कि बार बार आग्रह करने के बावजूद जब प्रशांत किशोर नहीं मानें तो 6 जनवरी की सुबह उन्हें गिरफ्तार किया गया है। उनके साथ 43 लोगों को हिरासत में लिया गया है। कुल 15 गाड़ियों को भी सीज किया गया है। सभी लोगों का वेरिफिकेशन किया जा रहा है। 43 लोगों में से अभी तक 30 लोगों का वेरिफिकेशन हुआ है। जिसमें से महज पांच लोग पटना से हैं और बाकी सभी लोग पार्टी के कार्यकर्ता हैं। बाकी लोग विभिन्न जिलों से हैं। तीन लोग उत्तर प्रदेश से हैं और एक शख्स दिल्ली का रहने वाला है।
जिलाधिकारी ने बताया कि जिन 30 लोगों की पहचान की गई है उनमें से एक भी छात्र नहीं हैं। सभी का वेरिफिकेशन किया जा रहा है और आगे उचित कार्रवाई की जाएगी। प्रशांत किशोर को कोर्ट में पेश किया जाएगा और कोर्ट के आदेश पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। जिनको भी धरना प्रदर्शन करना है वह निर्धारित स्थल पर ही जाकर करें, प्रतिबंधित क्षेत्र में इसकी इजाजत नहीं है। दोबारा फिर से अर प्रयास किया जाता है तो प्रशासन सख्ती से निपटेगा।