पटना हाईकोर्ट ने अदालती आदेशों का अनुपालन नहीं किये जाने पर सरकारी अधिकारियों के कामकाज के तरीके की कड़ी आलोचना की है।
कोर्ट ने कहा कि अदालती आदेश का पालन नहीं किये जाने के कारण बेवजह हाईकोर्ट में हजारों अवमानना अर्जी दायर की जाती है। न्यायमूर्ति पीबी बजेन्त्री और न्यायमूर्ति आलोक कुमार पाण्डेय के खंडपीठ ने आवेदक संजय कुमार की ओर से दायर अवमानना अर्जी पर सुनवाई करते हुए सरकारी अधिकारियों के रवैये पर कड़ी फटकार लगायी। कोर्ट ने कहा कि बगैर अवमानना याचिका दायर किए कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं किया जा रहा है। कई मामलों में देखा गया है कि जब तक अवमानना याचिका नहीं दायर की गई तबतक अदालती आदेशों का पालन नहीं किया जा रहा है।
यही नहीं, कोर्ट आदेश का पालन करने के लिए समय सीमा तय करने के बावजूद अदालती आदेश पालन नहीं किया गया। कोर्ट ने कहा कि अधिकारियों को तलब किये जाने के बाद कार्रवाई की जाती हैं। वहीं पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन और वन विभाग की ओर से कोर्ट को बताया गया कि कुछ प्रशासनिक कठिनाइयों के कारण आदेश पालन करने में विलंब हुआ है।
कोर्ट ने आदेश का अनुपालन करने में देरी किये जाने पर आवेदक को तीन हजार रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि बार-बार टिपण्णी किये जाने के बावजूद सरकारी अधिकारियों ने कोर्ट के आदेशों को लागू करने के प्रति अपने दृष्टिकोण में कोई सुधार नहीं किया है। अधिकारी अवमानना अर्जी दायर होने का इंतजार करते हैं।