जस्टिस राजेश वर्मा ने सिकंदर चौधरी की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया.
भूमि पर अवैध कब्जा : अधिवक्ता दीपक कुमार सिन्हा ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता की रैयती खरीदी गई भूमि पर निजी विपक्षी को नियमों के खिलाफ अंचलाधिकारी द्वारा पर्चा वितरित कर दिया गया था. जब याचिकाकर्ता ने कलेक्टर, भागलपुर से पर्चा रद्द करवा लिया, इसके बावजूद पर्चाधारी का 2008 से अब तक कब्जा बना हुआ है.
कब्जा हटाने का आदेश फिर भी न कार्यान्वित : अधिवक्ता ने बताया कि पर्चा रद्द होने के बाद अंचलाधिकारी द्वारा भूमि खाली करने का आदेश दिया गया था, लेकिन इसके बावजूद भूमि पर कब्जा पर्चाधारी के कब्जे में बना हुआ है. राज्य सरकार ने इस तथ्य को स्वीकार कर लिया है, फिर भी रैयती भूमि पर अवैध कब्जा बना हुआ है.
कोर्ट की नाराजगी और आदेश : कोर्ट ने इस मामले में सख्त नाराजगी जाहिर करते हुए जिलाधिकारी को 20 फरवरी, 2025 को तलब किया है. मामले की अगली सुनवाई भी 20 फरवरी, 2025 को होगी. कोर्ट के इस निर्देश के बाद भागलपुर डीएम को अदालत में पेश होना होगा.
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