पटना। तारामंडल से जेपी गंगा पथ (मरीन ड्राइव) को जोड़ने के लिए पटना के मंदिरी नाले पर दो लेन संपर्क पथ का निर्माण कार्य चल रहा है। शनिवार को दक्षिणी मंदिरी स्थित 100 साल पुराने ‘काठपुल’ को तोड़ने के लिए जब जेसीबी मशीन मंगवाई गई, तब एक बड़ा हादसा हो गया। पुल को तोड़ने के दौरान जेसीबी असंतुलित होकर नाले में गिर गई, जिससे इलाके में अफरा-तफरी मच गई।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, नाले में गिरते ही जेसीबी कीचड़ में धंस गई और जोरदार आवाज सुनाई दी। मौके पर बड़ी संख्या में लोग जुट गए। राहत की बात रही कि इस हादसे में किसी की जान नहीं गई, लेकिन जेसीबी के ड्राइवर को चोटें आई हैं।
100 साल पुराने पुल से लोगों की यादें जुड़ी
स्थानीय लोगों ने बताया कि काठपुल उनके बचपन की यादों से जुड़ा हुआ है। पीढ़ियों से इस पुल का इस्तेमाल हो रहा था। लेकिन अब नए सड़क निर्माण के लिए इसे हटाया जा रहा है।
काम के दौरान जेसीबी के नाले में गिरने से निर्माण कार्य भी बीच में रोकना पड़ा। तुरंत क्रेन मंगवाकर जेसीबी को निकालने का प्रयास शुरू किया गया। इस पूरी घटना को देखने के लिए आसपास के लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी।
जानिए परियोजना के बारे में
जेपी गंगा पथ (मरीन ड्राइव) को मंदिरी नाला से जोड़ने के लिए टू लेन सड़क का निर्माण किया जा रहा है। इसके अलावा, अशोक राजपथ स्थित बांस घाट से होते हुए ए.एन. सिन्हा इंस्टिट्यूट के रॉटरी तक फोरलेन सड़क का भी निर्माण प्रस्तावित है।
बिहार राज्य सड़क विकास निगम लिमिटेड (BSRDCL) ने इसके लिए टेंडर निकाला था, जिसमें ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया के बाद ठेकेदारों का चयन हुआ। चयनित ठेकेदार को 18 महीनों के भीतर निर्माण कार्य पूरा करना है।
परियोजना की लागत लगभग 46 करोड़ रुपये है। इसमें 510 मीटर लंबी फोरलेन सड़क के साथ 20-20 मीटर के दो छोटे और 50 मीटर का एक बड़ा फोरलेन पुल भी बनेगा। इसके निर्माण से इनकम टैक्स चौराहा से मंदिरी नाले होते हुए जेपी गंगा पथ तक सीधा और सुगम संपर्क बन जाएगा।
मुख्यमंत्री ने भी किया था निरीक्षण
गौरतलब है कि 2 अप्रैल को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंदिरी इलाके का दौरा कर निर्माण कार्य का निरीक्षण किया था। उन्होंने कार्य में तेजी लाने का निर्देश अधिकारियों को दिया था। मुख्यमंत्री को अपने इलाके में देखकर स्थानीय लोग बेहद उत्साहित हुए थे और “नीतीश कुमार जिंदाबाद” के नारे भी लगाए गए थे।
फिलहाल क्या स्थिति है?
फिलहाल निर्माण स्थल पर क्रेन की मदद से जेसीबी को बाहर निकालने की कोशिशें जारी हैं। पुल गिराने का कार्य रोक दिया गया है और निर्माण एजेंसी द्वारा अतिरिक्त सुरक्षा उपाय किए जा रहे हैं ताकि आगे कोई हादसा न हो।