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पटना-रांची वंदे भारत एक्सप्रेस के सफर का एक साल पूरा, 64000 यात्रियों को मंजिल तक पहुंचाया, जानें कमाई

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भारतीय रेल की आधुनिक, स्वदेशी तकनीक और विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस, भारत की पहली सेमी-हाई स्पीड रेल सेवा वंदे भारत ट्रेन आज भारत की प्रगति और आधुनिकता का पहचान बन गयी है. इस श्रृंखला को आगे बढ़ाते हुए एक साल पहले आत्मनिर्भर भारत की मेड इन इंडिया पटना-रांची वंदे भारत एक्सप्रेस 27 जून 2023 को पहली यात्रा पर निकली थी. प्रधानमंत्री के द्वारा 27 जून, 2023 को रांची से पटना के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन के परिचालन किया गया था।

सप्ताह में 6 दिन दौड़ती है वंदे भारत: वहीं 28 जून 2023 से इस ट्रेन की वाणिज्यिक सेवा शुरू हुई थी. मंगलवार को छोड़कर यह ट्रेन सप्ताह में 06 दिन चलती है. गाड़ी संख्या 22349, 22350 पटना-रांची-पटना वंदे भारत एक्सप्रेस ने यात्रियों को विश्वस्तरीय यात्री सुविधाएं प्रदान कर रही है. वंदे भारत एक्सप्रेस ने यात्रियों के बीच काफी लोकप्रियता हासिल की है. यात्रियों का डेटा इसकी लोकप्रियता को साफ दर्शाता है।

एक साल में 64 हजार यात्रियों का सफर: परिचालन प्रारंभ होने के बाद 28 जून 2023 से 21 जून 2024 तक लगभग 1 साल में 64 हजार यात्रियों ने इससे यात्रा की, जिससे 31.32 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ. इस अवधि में 530 पैसेंजर की क्षमता वाली पटना-रांची वंदे भारत ट्रेन की ऑक्यूपेंसी शत-प्रतिशत रही और इस ट्रेन के द्वारा 309 ट्रिप लगाए गए।

6 घंटे में पटना से रांची तक का सफर: अप एवं डाउन दिशा में अगर अलग-अलग देखा जाए तो इस अवधि में गाड़ी संख्या 22349 पटना-रांची वंदे भारत ट्रेन से 15.27 करोड़ रुपये की कमाई की है. जबकि 22350 रांची-पटना वंदे भारत ट्रेन से 16.05 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ. यह ट्रेन पटना और रांची के मध्य 379 किलोमीटर की दूरी मात्र 06 घंटे में तय करती है. इसके परिचालन से यात्रियों की जनशताब्दी एक्सप्रेस पर निर्भरता कम हुयी है. इसमें यात्रियों को बेहतर खान-पान की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है।

प्राकृतिक सौंदर्य के बीच वंदे भारत का सफर: कोडरमा औरबरकाकाना के मध्य दुर्गम पहाड़ियों को काटकर बनाए गए टनलों से सुसज्जित रेलखंड पर चलने वाली इस ट्रेन के यात्रियों को यात्रा के दौरान प्राकृतिक सौंदर्य का मनोरम दृश्य देखने को मिलता है. इससे जहां दोनों राज्यों के पर्यटन में तेजी आयी है, वहीं यहां के अन्य उद्योगों और व्यापारिक गतिविधियों को प्रोत्साहन मिला है. इस रेल सेवा से रांची और पटना के बीच लगभग 40 किमी की दूरी कम हुयी है, जिससे यात्रा समय में भी कमी आई है।

आधुनिक सुविधाओं से है लैस: वंदे भारत एक्सप्रेस में लगाये गए जीपीएस आधारित पेसेंजर इंफोर्मेशन सिस्टम, टच-फ्री टॉयलेट्स, वाई-फाई इंफोटेनमेंट जैसी सुविधाओं ने इसे विश्व स्तरीय बनाया है. ट्रेन में मौजूद कवच (एंटी कॉलिजन एवॉइडेंस सिस्टम) व सीसीटीवी इसे सुरक्षित बनाता है. अत्याधुनिक तकनीक और सुविधाओं से लैस यह ट्रेन अब रेलवे की नई पहचान बनकर उभरी है।

वंदे भारत एक्सप्रेस यात्रा हुई सुगम: इसका उद्देश्य है कि यात्रियों को एक बिल्कुल नया यात्रा अनुभव प्रदान करना. गति, सुरक्षा और सेवा इस ट्रेन की पहचान है. वंदे भारत एक्सप्रेस ने न सिर्फ लोगों की यात्रा को और सुगम बनाया है, बल्कि यह खनिज संपदा से समृद्ध झारखंड और बिहार की आर्थिक प्रगति में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।


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Sumit ZaaDav

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