जवारीपुर पूजा समिति के प्रतिमा विसर्जन में शामिल लोगों ने किया था हंगामा व तोड़फोड़,44 नामजद पर प्राथमिकी

Kali visarjan Bhagalpur

भागलपुर। मां काली प्रतिमा विसर्जन के दौरान तिलकामांझी में एसएसपी आवास और आसपास हंगामा करने, पुलिस से धक्कामुक्की करने, बैरिकेडिंग को तोड़ने वालों को चिह्नित कर केस दर्ज किया गया है। विसर्जन के दौरान मजिस्ट्रेट के तौर पर प्रतिनियुक्त लघु सिंचाई विभाग में कार्यपालक अभियंता कार्यालय में सहायक अभियंता राहुल कुमार के बयान पर तिलकामांझी थाना में केस दर्ज किया गया है। उन्होंने 44 लोगों को नामजद करते हुए केस दर्ज कराया है। इसके अलावा 25 से 30 अज्ञात लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है।

उन्होंने पुलिस को बताया है कि लाइसेंस नहीं होने के बाद भी जवारीपुर पूजा कमेटी ने अपनी प्रतिमा को लाइसेंसधारी के जिला प्रशासन द्वारा तय रूट पर ले जाने की कोशिश की। लाइसेंसधारी के निर्धारित विसर्जन रूट पर वे चले आए और तेजी से कचहरी चौक की तरफ बढ़ने लगे। एसएसपी आवास के पास जब उन्हें पुलिस वालों ने रोका तो वे ड्यूटी पर तैनात पुलिस वालों के साथ धक्कामुक्की करने लगे और वहां लगे बैरिकेडिंग को भी तोड़ डाला। उनपर गालीगलौज करते और पत्थर फेंकते हुए भागने का भी आरोप लगाया गया है।

इन लोगों पर नामजद प्राथमिकी दर्ज की गई है

मजिस्ट्रेट के बयान पर जिन लोगों को केस में नामजद किया गया है उनमें महानगर केंद्रीय महासमिति के अध्यक्ष ब्रजेश साह, महामंत्री आनंद कुमार मिश्रा और संरक्षक कमल जायसवाल के अलावा राहुल कुमार, आनंद कुमार, अमित कुमार, मोगली, राजीव कुमार, आदित्य कश्यप, संजय यादव, चंदन कुमार यादव, प्रीतम मंडल, धीरज यादव, राज मंडल, साजन पासवान, सागर पासवान, डिकला, आकाश, गौरव कुमार,रोहन कुमार, अजय पासवान, राजेश पासवान, रूपेश कुमार, गोलू राय, सुनील मंडल, सौरभ पासवान, पंकज पासवान, मनीष कुमार, राकेश पासवान, प्रवीण कुमार, राहुल कुमार, रौशन कुमार, राजा कुमार, सत्यप्रकाश, नवल किशोर पासवान, संजय कुमार पासवान, पवन राय, विक्की पासवान, संजीव कुमार, संजीत कुमार, बोचा पासवान, आनंद राज, विक्रम मंडल आदि शामिल हैं।

गौरतलब है कि विसर्जन के दौरान ही हिंसक झड़प व पुलिस पर फायरिंग मामले को लेकर जवारीपुर पूजा समिति का लाइसेंस रद्द कर दिया गया था। लाइसेंस नहीं होने की वजह से उन्हें जिला प्रशासन द्वारा तय विसर्जन रूट पर नहीं जाने को कहा गया था। उन्हें तिलकामांझी से ही बरारी की तरफ मुड़कर विसर्जन घाट जाना था पर वे नहीं माने और जबरन निर्धारित रूट पर लाइन में लगने की कोशिश करने लगे।

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