बेतिया राज की जमीन पर बसे लोगों को मिल गई बड़ी राहत, पास हुआ नया ऑर्डर
बेतिया राज की जमीन पर बसे लोगों को बड़ी राहत मिल गई है। इसको लेकर नीतीश सरकार ने नया ऑर्डर पास किया है। इसके बाद वह लोग थोड़ी राहत की सांस ले सकते हैं जो बेतिया राज की जमीन पर बसे हुए हैं। दरअसल, बेतिया राज संपत्ति विधेयक 2024 के गजट प्रकाशन के साथ बेतिया राज की 15221 एकड़ जमीन पर राज्य सरकार का स्वामित्व हो गया है। लेकिन, अब सरकार ने इस मामले में एक बड़ा फैसला किया है।
राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है कि बेतिया राज की जमीन पर बसे हुए हैं लोगों को तत्काल बेदखल नहीं किया जाएगा। उन्हें माकूल समय दिया जाएगा कि आप दूसरे जगह रहने की तैयारी कर लें और उसके बाद इस जमीन को मुक़्त कर दें। बेतिया राज की जमीन पर सरकारी अधिकार को लेकर 26 नवंबर को विधानमंडल के दोनों सदनों में विधेयक पारित किया गया था और राज्यपाल ने पहले ही मंजूरी दे दी थी।
सरकार ने यह फैसला किया है कि इस जमीन पर पहले से बसे लोगों को तत्काल बेदखल नहीं करने जा रही है। वह उचित दस्तावेज के आधार पर जमीन का उपयोग कर रहे लोगों को रियायत देगी। इसके लिए अलग से कानूनी प्रक्रिया का पालन हो रहा है। डॉ. जायसवाल ने कहा कि जमीन के बड़े हिस्से पर अवैध अतिक्रमण है। इसे मुक्त कराना हमारी पहली प्राथमिकता होगी।
विधेयक में बेतिया राज एस्टेट की जमीन को सार्वजनिक स्वामित्व में लाने का प्रस्ताव किया गया था, जो अब कानून बन गया है। मंत्री ने कहा कि इस जमीन का उपयोग सार्वजनिक विकास के लिए किया जाएगा। इससे कई विकास परियोजनाओं को गति मिलेगी। मेडिकल कॉलेज, अस्पताल, स्टेडियम और खेल के मैदान जैसे सार्वजनिक उपयोग लिए निर्माण में इसका उपयोग होगा।
उन्होंने कहा कि सरकार बेतिया राज की जमीन का विस्तृत विवरण जल्द ही जारी करेगी। इसमें जमीन का खाता, खेसरा और रकबा के अलावा यह भी बताया जाएगा कि अभी स्वामित्व की क्या स्थिति है।राज्य सरकार जमीन पर दावे की जांच के लिए संबंधित जिलों में विशेष पदाधिकारी नियुक्त करेगी। अधिसूचना जारी होने के दो महीने के भीतर लोग विशेष पदाधिकारी के समक्ष दस्तावेजों के साथ अपना दावा पेश कर सकेंगे। सरकार की योजना है कि दावा आपत्ति दायर करने के तीन महीने बाद मामले का निष्पादन कर दिया जाए। डॉ. जायसवाल ने स्पष्ट किया कि सरकार की मंशा किसी को बेघर करने की नहीं है।
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