‘दलितों को अपमानित करने वाले लोग कर रहे हैं भीम संसद’- नीतीश के कार्यक्रम पर चिराग का तंज
राजधानी पटना के वेटनरी कॉलेज मैदान में रविवार 26 नवंबर को जदयू की ओर से भीम संसद का आयोजन किया जा रहा है. लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने इस कार्यक्रम को लेकर जदयू पर तंज कसा है. चिराग पासवान ने दलितों के खिलाफ अन्याय और अपराध होने का आरोप लगाते हुए जदयू से जवाब मांगे. विशेष राज्य के दर्जे की मांग पर नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर 19 साल मुख्यमंत्री रहने के बाद भी विशेष राज्य के दर्जे की मांग की जरूरत पड़ती है तो इसकी वजह मुख्यमंत्री की गलत नीतियां है।
संसद करें, अच्छी बात है. लेकिन, भीम संसद में यह भी बताएं कि दलितों के साथ जो अत्याचार हो रहा है जनता दल यूनाइटेड के पास इस बात का जवाब है क्या. आए दिन जो दलितों की हत्याएं हो रही हैं, चुन चुन कर दलित युवकों की हत्या हो रही है, दलित बच्चियों के साथ बलात्कार हो रहा है, क्या इन बातों का जवाब है आपके पास.”-चिराग पासवान, सांसद, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास)
जीतन राम मांझी के साथ क्या किया थाः चिराग पासवान ने कहा कि जब आप प्रमोशन में रिजर्वेशन रोक देते हैं. बाकी सारे वर्गों का प्रमोशन आप करते हैं पर आप दलित समाज से आने वाले लोगों के प्रमोशन में रिजर्वेशन रोक देते हैं तो क्या इसका जवाब है आपके पास. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दलित विरोधी सोच के हैं. जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल मुख्यमंत्री ने पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के साथ क्या किया, सबने देखा है. अब भीम संसद में दिखावा करेंगे कि दलित हितैषी हैं।
तीन डिसमिल जमीन देने का वादा किया थाः चिराग ने कहा कि मुख्यमंत्री दिखावा करेंगे कि अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग से आने वाले लोगों की सबसे ज्यादा चिंता उनको है. आगे कहा, आप ही हैं जिन्होंने अनुसूचित जाति समाज में बंटवारा करने का काम किया. दलित को महादलित कर दिया. तीन डिसमिल जमीन देने का वादा किया था, उसका क्या हुआ. पिछले चुनाव से पहले इन्होंने ही घोषणा की थी कि दलित समाज के किसी व्यक्ति की हत्या होगी तो उसके परिवार को नौकरी दी जाएगी. बताएं कितने दलित परिवार जिनकी हत्याएं हुई हैं उनके परिवार को नौकरी मिली है।
बिहार की जनता को मूर्ख समझ रहे हैं: विशेष राज्य के दर्जे की मांग को लेकर चिराग पासवान ने कहा कि मैं मांग को लेकर पूरी तरह से सहमत हूं. पर यह चुनाव के वक्त मुख्यमंत्री को विशेष राज्य के दर्जे की बात याद आती है. 2017 से 2022 तक कितनी बार इस बात का जिक्र किया था. उस वक्त बिहार और केंद्र दोनों में डबल इंजन की सरकार थी. उस वक्त नीतीश कुमार ने क्यों नहीं मांग उठाई. 19 साल से मुख्यमंत्री हैं और विशेष राज्य के दर्ज के लिए आंदोलन करने की बात करते हैं. किसको झुनझुना पकड़ा रहे हैं. बिहार की जनता को मूर्ख समझ रहे हैं. बिहार की अर्थव्यवस्था बेहतर हो, इसके लिए मुख्यमंत्री ने क्या किया।
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