Voice Of Bihar

खबर वही जो है सही

शिक्षा और पूंजी की उपलब्धता से मिलेगा लोगों को रोजगार, मजबूरी में नहीं करना पड़ेगा पलायन : प्रशांत किशोर

ByKumar Aditya

सितम्बर 20, 2024
IMG 20240920 WA0073 jpg

प्रशांत किशोर ने बताया जन सुराज की सरकार बनने के बाद कैसे रोका जाएगा पलायन, बोले – शिक्षा और पूंजी की उपलब्धता से मिलेगा लोगों को रोजगार, मजबूरी में नहीं करना पड़ेगा पलायन

पटना। जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर पिछले 2 वर्षों से बिहार के हर जिले और प्रखंड में जाकर लोगों से मिल रहे हैं। उन्होंने भरोसा दिलाया है कि जन सुराज की सरकार बनने के बाद एक साल के भीतर बिहार से पलायन (distress migration) की गति को रोका जा सकता है।

जनता के बीच बढ़ रहे इस सवाल पर कि आखिर किस फॉर्मूले से एक साल में पलायन रोका जाएगा, प्रशांत किशोर ने इसे स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में राजनीतिक पार्टियां बिहार में नौकरियों के झूठे सपने दिखा रही हैं। कोई 5 लाख नौकरियों की बात कर रहा है, तो कोई 10 लाख, जबकि वास्तविकता यह है कि बिहार में सरकारी नौकरियों की संख्या सिर्फ 23 लाख है, जो बिहार की जनसंख्या के 2% से भी कम है। उन्होंने जोर देकर कहा, “98% लोगों के पास सरकारी नौकरी नहीं है और ना ही उनके पास इस विकल्प की कोई उम्मीद है। ऐसे में जो ये कहते हैं कि सरकारी नौकरी देकर पलायन रोक देंगे, वे बिहार के लोगों को मूर्ख बना रहे हैं।

प्रशांत किशोर ने यह भी बताया कि दुनिया के विकसित देशों में तरक्की का रास्ता सरकारी नौकरियों से नहीं, बल्कि शिक्षा और पूंजी की उपलब्धता से बना है। उन्होंने नॉर्वे, स्वीडन जैसे देशों का उदाहरण देते हुए कहा कि इन देशों में लोग नौकरियों के लिए रेलवे के एग्जाम नहीं देते, बल्कि उन्हें अच्छी शिक्षा और रोजगार के लिए सुलभ पूंजी मिलती है। यही मॉडल जन सुराज भी बिहार में लागू करेगा।

प्रशांत किशोर ने अपनी योजना के बारे में बताते हुए कहा कि अगर बिहार से मजदूरों का पलायन रोकना है, तो सबसे पहले यहां से पूंजी और बुद्धिजीवियों का पलायन रोकना होगा। हमारे साथ 10 बड़े अर्थशास्त्री इस दिशा में काम कर रहे हैं और उन्होंने एक ठोस मॉडल तैयार किया है, जिससे बिहार में पलायन को रोका जा सकेगा।