कहते हैं राजनीति में फूंक-फूंककर कदम रखने चाहिए. कब कौन सा मुद्दा बन जाए कोई नहीं जानता. अब देखिए ना, अशोक चौधरी के लिए पोस्ट करना गले की फांस बन गया. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अशोक चौधरी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने जाना पड़ा।
सुनी सुनाई बातों पर ध्यान देना ‘छोड़ दीजिये’ : मुख्यमंत्री आवास में दोनों की मुलाकात हुई. इसके बाद अशोक चौधरी ने एक और पोस्ट करके मामले को खत्म करने का प्रयास किया. अशोक चौधरी ने सोशल मीडिया साइट पर लिखा, “कुछ तो लोग कहेंगे लोगों का काम है कहना”, तो सुनी सुनाई बातों पर ध्यान देना ‘छोड़ दीजिये’! आज की तस्वीर।
‘यह कोई राजनीतिक बात नहीं’ : मंत्री अशोक चौधरी ने उसके बाद मीडिया से बातचीत करते हुए कहा लोगों की अपनी-अपनी समझदारी है. कोई देखता है कि ग्लास आधा भरा हुआ है, कोई देखता है ग्लास आधा खाली है. यह तो सोचने वाली की सोच है जिसकी जैसी सोच है, वह उसी तरह की बात सोचेगा. वहीं पोस्ट पर सफाई देते हुए कहा कि यह तो जनरल है. आजकल के बच्चे मां-बाप की बात ही नहीं सुनते, यह कोई राजनीतिक बात नहीं है. किसी ने मुझे भेजा था मुझे अच्छा लगा तो मैं डाल दिया।
”कोई नाराजगी नहीं है. पहला दलित नेता हूं जो बिना किसी हाउस में मेंबर रहे नीतीश कुमार के कारण 6 महीना तक मंत्री रहा. इससे बड़ी बात मेरे लिए क्या हो सकती है.”- अशोक चौधरी, ग्रामीण कार्य मंत्री
‘नीतीश कुमार मेरे लिए पिता समान’ : हालांकि इससे पहले अशोक चौधरी ने कहा था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मेरे लिए पिता समान है. भला कोई बेटा अपने पिता से नाराज होता है क्या? कल भी मैं पूरे दिन मुख्यमंत्री के साथ ही था. इसलिए किसी पोस्ट को लेकर मुद्दे को तूल देने की जरूरत नहीं है।
क्या है विवाद : अशोक चौधरी ने सोशल मीडिया पर जो पोस्ट किया, उसे नीतीश कुमार से जोड़कर देखा जाने लगा. अशोक चौधरी ने अपनी पोस्ट में लिखा, ”बढ़ती उम्र में इन्हें छोड़ दीजिए. एक दो बार समझाने से यदि कोई नहीं समझ रहा है तो सामने वाले को समझाना, छोड़ दीजिए. बच्चे बड़े होने पर वो खुद के निर्णय लेने लगे तो उनके पीछे लगना, छोड़ दीजिए. गिने चुने लोगों से अपने विचार मिलते हैं, यदि एक दो से नहीं मिलते तो उन्हें, छोड़ दीजिए. बढ़ती उम्र में जीवन का आनंद लीजिए, रोज जमा खर्च की चिंता करना, छोड़ दीजिए.”
नीरज कुमार का करारा वार : इस पोस्ट के बाद बवाल बढ़ा तो जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने हमला बोला. उन्होंने कहा, ”नीतीश कुमार का विकास गांव-गांव में बोलता है. इसलिए नीतीश कुमार के व्यक्तित्व पर सवाल कोई खड़ा करेगा तो उसे छोड़ा नहीं जाएगा. छद्म भाषा का नहीं सीधे भाषा का जो लोग इस्तेमाल करेंगे सीधा जवाब सुनने के लिए भी तैयार रहें.”
मुकेश सहनी भी मैदान में कूदे : बिहार के ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी के पोस्ट वाली राजनीति में वीआईपी के मुकेश सहनी भी कूद पड़े. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की काफी उम्र हो गई है. उन्हें राजनीति से सन्यास ले लेना चाहिए. हम जैसे युवाओं को जिम्मेदारी देनी चाहिए।