आज का दिन क्रिकेट के लिए सबसे दुखद दिनों में से एक है। आज ही के दिन 9 साल पहले ऑस्ट्रेलिया के स्टार बल्लेबाज फिलिप ह्यूज की एक बाउंसर लगने से मौत हो गई थी। बाउंसर लगते ही ह्यूज जमीन पर गिर पड़े और बेहोश हो गए। इससे सभी हैरान हो गए। आनन-फानन में फिलिप ह्यूज को हॉस्पिटल लेकर जाया गया, लेकिन उनकी जान नहीं बच सकी और उनकी मौत हो गई। यह क्रिकेट इतिहास के लिए शोक का पल है। आज भी उस घटना को भुलाया नहीं जा सका है। चलिए आपको बताते हैं सेफ्टी के दृष्टिकोण से आईसीसी ने फिलिप ह्यूज की मौत के बाद क्या-क्या बदलाव किए हैं।
घरेलू खेल के दौरान हुआ था हादसा
ऑस्ट्रेलिया में घरेलू क्रिकेट प्रतियोगिता खेला जा रहा था। यह मैच शेफील्ड शील्ड के साउथ ऑस्ट्रेलिया और न्यू साउथ वेल्स के बीच खेला जा रहा था। इस दौरान फिलिप ह्यूज 63 रन पर नाबाद खेल रहे थे। फिलिप ने हेलमेट पहन रखा था, लेकिन गेंद गले के पास जाकर लगी, जहां पहले के हेलमेट में सेफ्टी गार्ड नहीं हुआ करता था। गेंद गले पर लगते ही फिलिप वहीं फिल्ड पर गिर पड़े। फिर उन्हें अस्पताल ले जाए गया, जहां उनकी सर्जरी हुई और उन्हें गहन चिकित्सा विभाग में रखा गया। यह मैच भी तत्काल रद्द कर दिया गया था।
जन्मदिन से 3 दिन पहले हुई थी खिलाड़ी की मौत
फिलिप ह्यूज 27 नवम्बर 2014 को होश नहीं आया और अपने जन्मदिन से 3 दिन पहले चल बसे। इस घटना के बाद पाकिस्तान और न्यूजीलैंड का यूएई में खेला जा रहा टेस्ट मैच का दूसरे दिन का खेल भी रद्द कर दिया गया था। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 4 दिसम्बर 2014 को होने वाला टेस्ट मैच भी लेट कर दिया गया। इस मुकाबले को 9 तारीख तक के लिए स्थगित कर दिया गया था। यहां पर सबसे बड़ा सवाल है कि फिलिप ने हेलमेट पहन रखा था फिर भी बाउंसर लगने से उनकी मौत हो गई, ऐसे में चलिए आपको बताते हैं कि अब सेफ्टी में क्या कुछ सुधार किए गए हैं।
सेफ्टी में अब तक क्या सुधार हुए?
बता दें कि फिलिप ह्यूज की मौत से पहले जो हेलमेट होती थी, उसके गर्दन वाले हिस्से के पास गार्ड नहीं होता था। पहले के हेलमेट में आगे के भाग में नेट होता था, जबकि पीछे के भाग में कोई गार्ड नहीं था, यही कारण है कि हेलमेट पहनने के बाद भी बाउंसर फिलिप के गले पर जा लगी और उनकी मौत हो गई। इस घटना के बाद आईसीसी ने हेलमेट की बनावट में सुधार करने का फैसला किया था। अब के हेलमेट में पीछे के साइड भी गले को सेफ्टी देने के लिए गार्ड लगाए गए हैं, ताकि दोबारा ऐसी घटना नहीं हो सके।