‘बहरूपिया को उठाकर फेंक दो’, प्रशांत किशोर का नाम सुनते ही भड़के पप्पू यादव
कुछ माफिया और बहरूपिया ने छात्रों के आंदोलन को बेच दिया. कहता है कि छात्रों के बदले मैं लाठी खाउंगा लेकिन उसने प्रशासन से मिलकर छात्रों को पीटवाने का काम किया’ पटना में लाठीचार्ज में घायल छात्रा से मिलने के लिए पप्पू यादव पीएमसीएच पहुंचे. इस दौरान मीडिया ने प्रशांत किशोर के लेकर सवाल किया तो भड़क गए. उन्होंने प्रशांत किशोर को बहरूपिया बताया और छात्रों से अपील है कि ‘ऐसे लोगों को उठाकर फेंक दो’
कोचिंग संचालक को भी घेरा: इस दौरान पप्पू यादव ने मीडिया से बात करते हुए कोचिंग संचालक और सहित अन्य लोगों पर गंभीर आरोप लगाए. कहा कि ये लोग बच्चों का समर्थन करने के बदले उनका इस्तेमाल करने लगे. ये लोग माफिया की तरह काम करते हैं. पप्पू यादव ने बिना नाम लिए प्रशांत किशोर को कुंभकरण बताया. कहा कि ये सुअर का..#@ है. ये किसी काम का नहीं है.
“4 बजे आकर आंदोलन को बर्बाद करने का काम किया. सरकार और प्रशासन से मिलकर छात्रों पर लाठी चलवायी गयी. जिस तरीसे बहरूपिये ने इस आंदोलन को खत्म कर किया, उसको कभी माफी नहीं मिलेगी. ऐसे लोगों को उठाकर फेंक देना चाहिए.” -पप्पू यादव, सांसद
प्रशांत किशोर को चमका रही मीडिया: कभी बहरूपिया की तरह कहते हैं कि ‘मैं लाठी खाउंगा’.आंदोलन के 12 दिनों के बाद उसकी नींद खुलती है. इस दौरान मीडिया ने प्रशांत किशोर के बारे में पूछा तो भड़क गए. कहा कि आपलोग उस बहरूपिया का नाम क्यों बार-बार ले रहे हैं. मीडिया पर भी आरोप लगाते हुए कहा कि आपलोग जाति के नाम पर उसको चमका रहे हैं.
सरकार पर उठाए सवाल: नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि छात्रों के साथ ऐसा नहीं करना चाहिए था. छात्रों पर लाठी चलायी गयी. पानी की बौछार की गयी. छात्राओं को घसीट घसीट कर पीटा गया. अभ्यर्थियों के साथ इस तरह का जुर्म किया गया जो सरासर गलत है.
क्यों भड़के पप्पू यादव: दरअसल, रविवार को प्रशांत किशोर ने बीपीएससी अभ्यर्थियों के समर्थन में गांधी मैदान में छात्र संसद बुलाए थे. प्रशासन से अनुमति नहीं मिलने के बाद भी छात्र पहुंचे और उग्र प्रदर्शन किए. प्रशांत किशोर इसका नेतृत्व कर रहे थे. गांधी मैदान से सभी सीएम हाउस की ओर जाने लगे. इसी दौरान जेपी गोलंबर पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दी. इसी दौरान पुलिस ने माइकिंग कर जानकारी दी कि आपके नेता(प्रशांत किशोर) चले गए हैं. आपलोग भी चले जाइये. छात्र नहीं माने तो सभी दौड़ा दौड़ाकर पीटा गया.
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